सरकारी कर्मचारी के निधन के बाद पैदा हुआ बच्चे के क्या क्या हक़ हैं, जानिए क्या कहते हैं नियम

केंद्र सरकार के पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग की तरफ से एक खास पहल की गई है। इसके तहत सरकारी कर्मचारियों को पेंशन से जुड़े महत्वपूर्ण नियमों के बारे में जानकारी दी जा रही है।

सरकारी कर्मचारियों और उनकी फैमिली से जुड़ी एक अहम जानकारी सामने आ रही है। दरअसल, केंद्र सरकार के पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग की तरफ से एक खास पहल की गई है। इसके तहत सरकारी कर्मचारियों को पेंशन से जुड़े महत्वपूर्ण नियमों के बारे में जानकारी दी जा रही है। इसमें फैमिली पेंशन से संबंधित 75 महत्वपूर्ण नियमों की जानकारी दी जा रही है। इन्हीं में से एक नियम कर्मचारी की मौत के बाद पैदा हुए बच्चे से जुड़ा है।

नियम में क्या कहा गया है?

जानकारी के अनुसार, इस नियम में सरकारी कर्मचारी के निधन के बाद पैदा हुआ बच्चा फैमिली पेंशन का हकदार है या नहीं है इस बारे में बताया गया है। नियम में साफ किया गया है कि अगर कोई बच्चा सरकारी कर्मचारी के निधन के बाद पैदा होता है तो भी वो फैमिली पेंशन का हकदार होगा। इतना ही नहीं अगर कोई सरकारी कर्मचारी रिटायर हो चुका है और उसकी मृत्यु के बाद कोई बच्चा पैदा होता है तो वो भी फैमिली पेंशन का अधिकारी है। आसान शब्दों में कहें तो नौकरी के समय या नौकरी के बाद भी अगर कोई बच्चा पैदा होता है तो वो पेंशन का हकदार होगा।

फैमली पेंशन के लिए कैसे कर सकते हैं क्लेम

इस नियम में सरकार की ओर से फैमिली पेंशन के क्लेम के तरीके के बारे में भी बताया गया है अगर किसी सेवारत सरकारी कर्मचारी की किसी कारणवश मृत्यु हो जाती है तो फैमिली पेंशन के लिए मृत्यु प्रमाणपत्र के साथ, कार्यालयाध्यक्ष को अपना दावा प्रस्तुत करना होगा। इसके बाद ही पेंशन की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। अवयस्क बालक या मानसिक रूप से मंद बालक होने के मामले में, उसका अभिवावक ये दावा प्रस्तुत कर सकता है। सरकारी कर्मचारी अगर किसी को नॉमिनी बनाना कहता है तो वो भी बच्चे के लिए फैमिली पेंशन का दावा प्रस्तुत कर सकता है।

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