सरकार द्वारा लगातार एफडीआई नीति में सुधार करने, निवेश के लिए बेहतर अवसर और बिजनेस करना आसान करने जैसे कदम उठाने का परिणाम है कि भारत में अप्रेल से जनवरी 2021 की अवधि में 72.12 अरब डॉलर का एफडीआई प्रवाह आया। यह किसी भी वित्तीय वर्ष के पहले 10 महीने में आया सबसे अधिक एफडीआई है। जो कि वित्त वर्ष 2019-20 की तुलना (62.72 अरब डॉलर) में 15 फीसदी ज्यादा एफडीआई है।

रुझानों के अनुसार वित्त वर्ष 2020-21 (54.18 अरब डॉलर) के पहले 10 महीने में एफडीआई इक्विटी प्रवाह 28% बढ़ गया है। जबकि इसी अवधि में वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान 42.34 अरब डॉलर एफडीआई इक्विटी प्रवाह आया था। वित्त वर्ष 2020-21 के पहले 10 महीने में एफडीआई इक्विटी के जरिए निवेश करने वाले देशों में 30.28 फीसदी की हिस्सेदारी के साथ सिंगापुर सबसे अव्वल है। इसके बाद संयुक्त राज्य अमेरिका (24.28) और यूएई (7.31%) का स्थान है।

वही जनवरी 2021 के दौरान कुल एफडीआई इक्विटी प्रवाह में 29.09 फीसदी की हिस्सेदारी के साथ जापान सबसे आगे रहा। इसके बाद सिंगापुर (25.46%) और यू.एस.ए. (12.06%) का स्थान है।

वित्त वर्ष 2020-21 के पहले 10 महीने में 45.81 फीसदी की हिस्सेदारी के साथ कंप्यूटर सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर क्षेत्र से सबसे ज्यादा एफडीआई इक्विटी प्रवाह हुआ है। इसके बाद निर्माण (इंफ्रास्ट्रक्चर) गतिविधियों (13.37%) और सेवा क्षेत्र (7.80%) में एफडीआई आया।

रूझान के अनुसार अकेले जनवरी 2021 में 21.80 फीसदी की हिस्सेदारी के साथ कंसल्टेंसी सेवाएं कंप्यूटर सॉफ्टवेयर में सबसे ज्यादा एफडीआई आया। इसके बाद कम्प्यूटर और हार्डवेयर (15.96%) और सेवा क्षेत्र (13.64%) की हिस्सेदारी रही।

प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में निम्नलिखित रुझानों से साफ है कि भारत, वैश्विक निवेशकों के लिए निवेश का एक प्रमुख स्थान बन गया है।

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