नई दिल्‍ली। अयोध्‍या में प्रस्तावित धन्‍नीपुर मस्जिद कैसी दिखेगी इसकी तस्वीरें सामने आई हैं। मस्जिद की खूबसूरती और बनावट को लेकर पहले से ही बताया जा रहा है कि यह विश्‍व की चुनिंदा मस्जिदों में से एक होगी। साथ ही इसकी आकृ‍ति कला का बेजोड़ नमूना होगी। इस मस्जिद की डिजाइन और आर्किटेक्‍ट को शनिवार को लॉन्च किया गया है। जिसमें मस्जिद के साथ ही उसके साथ बनने वाले पुस्‍तकालय और अस्‍पताल आदि की डिजाइन भी दिखाई गई है।

इंडो इस्‍लामिक कल्‍चरल फाउंडेशन की ओर से बनाई जा रही इस मस्जिद की खास बात इसकी डिजाइन है। बीच में गोल गुंबद में बनी यह मस्जिद बहुत ही खूबसूरत होगी। वहीं तस्‍वीर में दिखाई दे रहे चैकोर परिसर में म्‍यूजियम, अस्‍पताल, लाइब्रेरी और कम्‍यूनिटी किचन बनाया जाएगा. यह गोल मस्जिद पारंपरिक मस्जिदों से अलग और आधुनिक कला का संगम होगी।

मानवता की सेवा के लिए तैयार हो रहा प्रोजेक्ट

दिल्‍ली के जामिया मिल्लिया इस्‍लामिया विश्‍वविद्यालय के आर्किटेक्‍चर डिपार्टमेंट के डीन प्रोफेसर एस एम अख्‍तर बताते हैं कि यह सिर्फ धार्मिक स्‍थल न होकर मानवता की सेवा के लिए तैयार हो रहा प्रोजेक्‍ट है, लिहाजा इसमें बनने वाले अस्‍पताल और पुस्‍तकालय पर भी उतना ही ध्‍यान दिया जा रहा है। वहीं मस्जिद की बात करें तो इसका डिजाइन कंटेंपरेरी होगा। इस मस्जिद में कुछ भी पुराना देखने को नहीं मिलेगा। बल्कि यह भविष्‍य को दर्शाती मस्जिद होगी।
इसकी डिजाइन पूरी तरह भारतीय और यहां के आर्किटेक्‍चर की विशेषता लिए होगी। प्रो. अख्‍तर कहते हैं कि आज पूरे विश्‍व में नई नई चीजें बन रही हैं। हर देश अपनी कलात्‍मक शैली का उपयोग कर रहा है। लिहाजा यहां भी इंडो-इस्‍लामिक स्‍थापत्‍य कला का उपयोग होगा।

प्रोफेसर कहते हैं जहां तक पर्यटन के लिहाज से कुछ खास करने की बात है तो मस्जिद एक पूजा स्‍थल है, इसे पूजा स्‍थल की तरह ही रखा जाएगा न कि पर्यटकों को ध्‍यान में रखकर इसकी डिजाइन तैयार की जाएगी। चूंकि यह काफी खास होगी और नए तरीके से बनाई गई होगी तो पर्यटक अपने आप ही इस तक आएंगे। वहीं इसके पास ही बनने वाले अस्‍पताल और पुस्‍तकालय भी स्‍वास्‍थ्‍य और शिक्षा के विस्‍तार के लिए हैं। ऐसे में लोग अपनी जरूरतों के हिसाब से यहां पहुंचेंगे ही।

अयोध्या में पांच एकड़ के भूखंड का आदेश देते हुए, सर्वोच्च न्यायालय ने कहा था कि यह आवश्यक था क्योंकि अदालत को यह सुनिश्चित करना होगा कि एक गलत प्रतिबद्ध को बचाया जाना चाहिए। न्यायाधीशों ने कहा था, सहिष्णुता और आपसी सह-अस्तित्व हमारे राष्ट्र और उसके लोगों की धर्मनिरपेक्ष प्रतिबद्धता को पोषण देता है।

  • Website Designing