भारत ने आज सुबह दस बजकर 24 मिनट पर श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से पीएसएलवी-सी 51 रॉकेट का प्रक्षेपण किया। ये अपने साथ भारत, ब्राजील और अमरीका के 19 उपग्रह लेकर गया है।

पृथककरण के चार चरणों के बाद इस रॉकेट ने ब्राजील के 637 किलोग्राम भार के एमेजोनिया-1 प्रमुख उपग्रह का प्रक्षेपण किया। बाद में एक घंटे से अधिक समय के अंतराल के बाद इसने शेष 18 उपग्रहों का प्रक्षेपण किया।

यह न्‍यू स्‍पेस इंडिया लिमिटेड का पहला वाणिज्यिक मिशन है।

इस वर्ष का भारत का यह पहला अंतरिक्ष मिशन पीएसएलवी रॉकेट के सबसे लंबे अभियानों में से एक है। यह एक घंटा 55 मिनट और सात सैकेंड में पूरा हुआ।

एमेजोनिया-1, ब्राजील के नेशनल इंस्टिट्यूट फॉर स्‍पेस रिसर्च का प्रकाशीय पृथ्‍वी पर्यवेक्षण उपग्रह है।

प्रक्षेपण के बाद पूर्व अंतरिक्ष यात्री और ब्राजील के विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री मार्कोस सीज़र पोर्टस ने बताया कि अमेजन क्षेत्र में वनों की कटाई की निगरानी और ब्राजील के भू-भाग में विभिन्‍न प्रकार के कृषि के विश्‍लेषण में यह उपग्रह दूर संवेदी आंकड़े उपलब्‍ध कराकर वर्तमान व्‍यवस्‍था को और मजबूत बनाएगा।

प्रक्षेपण के अवसर पर प्रसन्‍नता व्‍यक्‍त करते हुए उन्‍होंने कहा कि ब्राजील अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत के साथ आगे भी मिलकर काम करने का इच्‍छुक है।

न्‍यू स्‍पेस इंडिया के अध्‍यक्ष और महाप्रबंधक जी. नारायणन ने कहा कि जब पूरा विश्‍व कोरोना से जूझ रहा है उस समय भारतीय अंतरिक्ष क्षेत्र ने इस वर्ष का नया प्रक्षेपण किया है।

स्‍पेस किड्स इंडिया के प्रमुख वैज्ञानिक रिफत शाहरूख ने बताया कि सतीश धवन उपग्रह में तीन वैज्ञानिक उपकरण
कक्षा में आयनीकृत विकिरण की निगरानी कर यह पता लगाएंगे कि अन्‍य बातों के अलावा सौर उत्‍सर्जन के दौरान उपग्रह की प्रणालियों पर विकिरण का क्‍या प्रभाव पड़ता है।

इसरो के अध्‍यक्ष डॉक्‍टर सिवन ने बताया कि एमेजोनिया को सटीक कक्षा में प्रक्षेपित किया गया। उन्‍होंने कहा कि ब्राजील  द्वारा तैयार और संचालित उपग्रह को पहली बार प्रक्षेपित करना इसरो के लिए बहुत ही गौरव की बात है।

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