कोरबा। कोरबा जिले की प्रशासनिक टीम ने साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एसईसीएल) की गेवरा, दीपका व कुसमुंडा कोयला खदान का औचक निरीक्षण कर जांच पड़ताल की है। राज्य से बाहर लिंकेज व डीओ का भेजे जाने वाला कोयला की जानकारी छत्तीसगढ़ खनिज विभाग के पोर्टल में अपलोड नहीं किए जाने पर महाप्रबंधक को प्रशासन ने नोटिस जारी कर सात दिन के अंदर जवाब देने कहा है। तीनों खदान के कांटाघर का सत्यापन नहीं कराए जाने के कारण प्रशासन ने सील कर दिया है।

खनिज निरीक्षक खनिज विभाग, सहायक अभियंता पर्यावरण संरक्षण मंडल, निरीक्षक नाप तौल विभाग, उप निरीक्षक परिवहन विभाग व सहायक प्रबंधक जिला उद्योग विभाग की संयुक्त टीम शनिवार को एसईसीएल की गेवरा खदान पहुंची। टीम ने जांच के दौरान पाया कि राज्य से बाहर रेल रैक के माध्यम से भेजे जाने वाले कोयला के लिए निर्धारित मापदंडों का पालन नहीं किया जा रहा। कोयला डिस्पैच से पहले विभागीय पोर्टल में लिंकेज तथा डीओ की प्रति के साथ मैनुअल अनुमोदन लिया जाना अनिवार्य है। साथ ही खनिज शाखा में सूचना दिया जाना चाहिए। इसका परिपालन किए बिना कोयला डिस्पैच किया जाना पाया गया। प्रशासन ने महाप्रबंधक एसके मोहंती को नोटिस जारी कर सात दिन के अंदर जवाब देने कहा है, अन्यथा एक पक्षीय कार्रवाई की चेतावनी दी है। निरीक्षण के दौरान गेवरा खदान के पांच नंबर कांटाघर (तौल घर) का सत्यापन नहीं किया जाना पाया गया। दीपका व कुसमुंडा खदान का भी निरीक्षण किया गया। दीपका के 15 नंबर व कुसमुंडा के 10 नंबर कांटाघर का वार्षिक सत्यापन नहीं किया जाना पाया गया।

खदान से निकल रहे छह ओवरलोड ट्रेलर जब्त

प्रशासनिक टीम ने खदान से ओवरलोड होकर निकल रहे छह ट्रेलर जब्त करने की कार्रवाई की है। गंभीर बात यह है कि कांटाघर में वजन के बाद भी ये गाड़ियां निर्धारित तौल से अधिक कोयला लेकर बाहर निकलने के तैयारी में थे। इसे कांटाघर के कर्मचारी और लोड करने वाले कर्मियों की सांठगांठ की आशंका को बल दे रहा। प्रशासन की टीम जब्त किए गए गाड़ियों की जांच इस बिंदु पर भी करेगी। प्रशासनिक टीम की इस कार्रवाई से एसईसीएल के अफसरों में हड़कंप मच गया है।

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