सिंगरौली (IP News). नार्दर्न कोलफील्डस लिमटेड एन सी एल की सभी परियोजनाओं में तकनीकी कर्मियों के संगठन कोल इंडिया आईटीआई एम्प्लाइज एसोसिएशन के तत्वाधान में लाभांश का 01 प्रतिशत पारितोषिक देने हेतु तीन दिवसीय (19 से 21 नवम्बर) विरोध प्रदर्शन का जबरदस्त आगाज हुआ।

क्षेत्रीय मीडिया प्रभारी प्रकाश पटेल ने बताया कि समस्त परियोजनाओं एवं इकाइयों में प्रथम पाली से ही सीटिया के पदाधिकारी व कार्यकताओं नें बस स्टॉप पर ही झंडा बैनर लेकर पहुंचकर काला बिल्ला लगाकर नारेबाजी की शुरुआत की। टाइम ऑफिस कार्यस्थल पर भी जमकर नारेबाजी की गई। मारी मांगे पूरी करो , हम अपना अधिकार मांगते नहीं किसी से भीख मांगते, 01 प्रतिशत लाभांश का पारितोषिक देना होगा, 34500 रुपए लेकरे रहेंगे आदि नारे लगाए गए। संघ के पदाधिकारियों जिनमे प्रमुख रूप से अजय शंकर (महामंत्री केन्द्रीय, जोनल अध्यक्ष आर टी राय, जोनल महामंत्री बी के पटेल, जोनल उप महामंत्री जितेंद्र कुमार , क्षेत्रीय उपाध्यक्ष अरविन्द शाह, क्षेत्रीय सह सचिव जितेन्द्र कुमार आदि क्षेत्रीय नेता परियोजनाओं के आंदोलन का जायजा लेकर हौसला अफजाई की।

बीके पटेल जी ने अपने भाषण में कहा कि 1 प्रतिशत लाभांश का हिस्सा जो कि लगभग 34500 रूपए प्रति व्यक्ति बनता है, इसे हम लेकर ही रहेंगे। इसके लिए संघ हर तरह का आंदोलन करने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रबंधन की मंशा कर्मियों को लाभांश का 1 प्रतिशत देने की नहीं है। इसका पुरजोर विरोध हमारे द्वारा किया जाएगा। महामंत्री ने कहा कि जब तक हमारी माँग पूरी नही होगी तब तक हम संघर्ष करते रहेंगे। उन्होने बताया कि ’प्रबंधन की घोषणा के पूर्व ही’ कुछ श्रमिक संघों के पंपलेट हैंड बिल में देखने को मिल रहा है कि इस लाभांश का हिस्सा 21000 रूपए तय किया गया है। यदि ऐसा तय होगा तो यह एनसीएल के समस्त कर्मचारियों एवं अधिकारियों के साथ बहुत बड़ा धोखा समझा जाएगा क्योंकि यह हिस्सा मात्र 0.6 प्रतिशत ही होगा। विगत वर्ष भी इसे घटाकर 0.7 प्रतिशत कर दिया गाया था। संघ एक प्रतिशत से कम कभी भी स्वीकार नहीं करेगा प्रबंधन स्पष्ट करे कि सच क्या है ?

विरोध प्रदर्शन के दौरान सभी कर्मचारी काला फीता बांधे रहे। इस आंदोलन की तैयारी हेतु पूर्व में सभी परियोजनाओं में बैठक एवं आपसी बिचार विमर्श द्वारा रणनीति तैयार की गई थी जिसका सुखद एवं सफल परिणाम आज सभी परियोजनाओं में आंदोलन के दौरान देखने को मिला। तकनीकी कर्मचारियों के साथ गैर तकनीकी कर्मचारी (ऑपरेटर, मजदूर, क्लर्क, माइनिंग स्टाफ) भी कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहे एवं सभी ने आंदोलन की सफलता का संकल्प लिया।

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