केन्द्र सरकार द्वारा कोल सेक्टर में किए गए रिफार्म के बाद सीआईएल को निजी कंपनियों से मुकाबला करना होगा। इसको लेकर कोयला सचिव अनिल जैन ने कोल इंडिया लिमिटेड और अनुषांगिक कंपनियों के अफसरों का आगाह किया है।

श्री जैन ने आने वाली चुनौतियों को लेकर वीडियो कांफ्रेंसिग के माध्यम से सीआईएल और अनुषांगिक कंपनियों के अधिकारियों से चर्चा की। उन्होंने मार्केटिंग स्ट्रैटजी बदलने पर जोर दिया। कोल सेक्रेटरी ने कहा कि निजी कोल कंपनियां बहुत जल्द बाजार में आ जाएंगी। इससे कोल इंडिया व उसकी अनुषंगी कंपनियों के लिए बाजार में चुनौतियां और बढ़ेंगी। इस दौरान जो कंपनी जितनी कंज्यूमर फ्रेंडली होंगी, बाजार में वही टिकेगी।

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ऐसी स्थिति में अधिकारियों को अपना परफार्मेस सुधारना होगा और उपभोक्ताओं से संवाद बना कर रखना होगा। श्री जैन ने कहा कि कोयला उपभोक्ताओं की समस्याओं को सुनें और उसका त्वरित निष्पादन करें। जैन ने उपभोक्ताओं की समस्याओं के त्वरित निष्पादन के लिए सभी कंपनियों में तंत्र विकसित करने पर भी जोर दिया।

कोल इंडिया चेयरमैन प्रमोद अग्रवाल ने उन्हें आश्वस्त किया कि कंपनी इस दिशा में सक्रिय है और चुनौतियों से निपटने में सक्षम है। उन्होंने व्यापक पैमाने पर किए जा रहे ई-ऑक्शन की जानकारी दी व बताया कि सभी कंपनियों में विभिन्न वर्ग के उपभोक्ताओं के साथ अलग-अलग बैठकें आयोजित कर उनकी समस्याओं पर विचार किया गया है और उनका निष्पादन किया जा रहा है। कंपनी बाजार की संभावित चुनौतियों के प्रति सजग है।

 

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