नकदी संकट से जूझ रही वेदांता रिसोर्सेज (Vedanta Resources) अमेरिकी हेज फंड ओकट्री कैपिटल (Oaktree Capital) को 400 मिलियन डॉलर यानी करीब 2935 करोड़ रुपये मूल्य के नोट्स (Notes) जारी करेगी। वेदांता यह नोट्स अपनी लिक्विडिटी बनाये रखने यानी नकदी जरूरतों को पूरा करने के लिए Oaktree को जारी करेगी। ये नोट्स शेयर बाजार में लिस्टेड वेदांता लिमिटेड के शेयर्स से सिक्योर्ड रहेंगे। अगर वेदांता रिसोर्सेज इसे नहीं चुका पाएगी तो वेदांता लिमिटेड इसका भुगतान करेगी। वेदांता इन नोट्स के बदले ओकट्री कैपिटल को एक निश्चित ब्याज देगी और भविष्य में तय तिथि पर यह राशि लौटाएगी।

Oaktree Capital को साथ वेदांता की यह नई डील उसे कंपनी में तरलता बनाये रखने में मदद करेगी। आपको बता दें कि लगभग एक महीने पहले वेदांता ग्रुप ने 1 बिलियन डॉलर यानी 7338 करोड़ रुपये की सिक्योरिटीज बेची थी जो इस वर्ष एशिया में डॉलर बांड के लिए सबसे ज्यादा यील्ड (highest yield) था। बिजनेसमैन अनिल अग्रवाल की कंपनी वेदांता लिमिटेड अपने कॉर्पोरेट स्ट्रक्चर में बदलाव करने के साथ उसे सहज बनाने और वेदांता रिसोर्सेज के लिए नकदी के एक्सेस को बढ़ाने पर जोर दे रही है। इसके लिए कंपनी खुद को स्टॉक एक्सचेंज से डिलिस्ट कराना चाहती थी, लेकिन उसका डिलिस्टिंग सफल नहीं हुई थी।

इस वजह से ग्लोबल कंपनियां हो रहीं आकर्षित

आपको बता दें कि भारतीय कंपनियों नें नकदी के संकट ने ग्लोबल इंवेस्टर्स को अपनी ओर आकर्षित किया है। ग्लोबल इंवेस्टमेंट फंड्स को लगता है कि वह नकदी संकट का सामना कर रही भारतीय कंपनियों में निवेश करके मोटा मुनाफा कमा सकती है। इसी वजह से ओकट्री कैपिटल और अपोलो ग्लोबल मानेजमेंट इंक जैसी कंपनियों में भारत में अपने निवेश को बढ़ाया है। औकट्री ने दिवालिया प्रकिया से गुजर रही DHFL को खरीदने के लिए बोली भी लगाई है।

क्या होता है नोट्स

आपको बता दें कि नोट्स भी बॉन्ड की तरह एक किस्म की प्रतिभूति होती है, जिसके एवज में निवेश करने वाले को ब्याज मिलता है और तय अवधि पर नोट्स जारी करने वाली कंपनी को पैसा चुकाना होता है। इसे आप एक तरह को लोन समझ सकते हैं। नोट्स जारी करेन वाली कंपनी जिसे नोट्स देती है उसे ब्याज के साथ मूलघन लौटाती है। यह एक तरह का डेट इंस्ट्रूमेंट (debt instruments) होता है, जिसे जारी कर कंपनियां पैसे जुटाती हैं।

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