नई दिल्ली: विधानसभा की चुनावी शोर गुल थमने के कुछ ही घंटों के बाद बिहार की सियासत से दुख भरी खबर सामने आई है। खबर है कि बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और शोषित समाज दल के नेता सतीश प्रसाद सिंह को सोमवार को निधन हो गया। बताया गया कि बीते दिनों तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें दिल्ली के एम निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां आज उपचार के दौरान उनका निधन हो गया।नई दिल्ली: विधानसभा की चुनावी शोर गुल थमने के कुछ ही घंटों के बाद बिहार की सियासत से दुख भरी खबर सामने आई है। खबर है कि बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और शोषित समाज दल के नेता सतीश प्रसाद सिंह को सोमवार को निधन हो गया। बताया गया कि बीते दिनों तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें दिल्ली के एम निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां आज उपचार के दौरान उनका निधन हो गया।

पूर्व सीएम सतीश प्रसाद सिंह को प्रदेश के सबसे कम दिन के मुख्यमंत्री के नाम से भी जाना जाता है। वे महज पांच दिन के लिए मुख्यमंत्री बने थे। दरअसल 1967 में हुए चौथे विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी को बहुमत नहीं मिल सकती, जिसके चलते बिहार में पहली गैर-कांग्रेसी सरकार बनी। तब जनक्रांति दल में रहे महामाया प्रसाद सिन्हा को पहला गैर-कांग्रेसी मुख्यमंत्री बनाया गया, मगर 330 दिनों तक सत्ता संभालने के बाद उन्हें कुर्सी छोड़नी पड़ी। इसके बाद सतीश प्रसाद सिंह मुख्यमंत्री बनाए गए मगर वह भी पांच दिन में हटा दिए गए। बाद में बीपी मंडल को मुख्यमंत्री की शपथ दिलाई गई मगर वे भी महज 31 दिन ही सीएम की कुर्सी संभाल सके।

सतीश प्रसाद सिंह परबत्ता विधान सभा से पहली बार विधानसभा चुनाव जीते और मुख्यमंत्री बने, लेकिन पांच दिनों के बाद ही उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था। हालांकि इसके बाद ​सतीश प्रसाद सिंह कभी विधानसभा चुनाव नहीं जीत पाए।

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