नई दिल्ली। देशभर के निजी स्कूलों में कम आय वर्ग के बच्चों को अब 12वीं कक्षा तक निःशुल्क शिक्षा मिलेगी। इनके लिए केंद्र सरकार नीति बनाने में जुटी है। सरकार ने शुक्रवार को उच्च न्यायालय में हलफनामा दाखिल कर यह जानकारी दी है।
मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति सी हरि शंकर की पीठ के समक्ष सरकार ने हलफनामा दाखिल किया है। इसमें कहा गया है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लेकर गठित समिति ने कम आय वर्ग के बच्चों को 12वीं कक्षा तक निःशुल्क शिक्षा मुहैया कराने की सिफारिश की है। सरकार ने कहा है कि इसके लिए सभी हितधारकों की राय लेने के बाद अब निःशुल्क शिक्षा मुहैया कराने की नीति को अंतिम रूप दिया जा रहा है।
सरकार ने पीठ को बताया कि नीति को अंतिम रूप देने में थोड़ा वक्त लगेगा। इसके लिए कुछ समय देने की मांग करते हुए सरकार ने न्यायालय को बताया है कि नीति बनने के बाद इस बारे में जानकारी दी जाएगी। मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से पेश हलफनामें में कहा गया है कि आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के बच्चों को 12वीं कक्षा तक मुफ्त शिक्षा की जिम्मेदारी सरकार के साथ साथ निजी स्कूलों की भी है। मंत्रालय ने कहा है कि समिति ने अपने प्रस्ताव में नर्सरी से लेकर 12वीं कक्षा तक मुफ्त शिक्षा देने की सिफारिश की है जो तीन साल से लेकर 18 वर्ष तक के छात्रों पर लागू होगा। लेकिन इसके लिए सभी स्कूलों की मूलभूत सुविधाओं को बढ़ाना होगा।
आम लोगों से सुझाव मांगा
केंद्र सरकार ने कहा है कि इसके लिए सभी राज्यों के शिक्षा मंत्री, शिक्षाविदों से परामर्श किया गया है और नए नीति के मसौदे को वेबसाइट पर डाल दिया गया है और इस बारे में आम लोगों से भी सुझाव मांगा गया है।
हलफनामा दाखिल किया
मंत्रालय ने गैर सरकारी संगठन सोशल ज्यूरिस्ट की और से 12 वीं कक्षा तक के छात्रों को निःशुल्क शिक्षा देने की मांग को लेकर दाखिल जनहित याचिका के जवाब में यह हलफनामा दाखिल किया है। इस बारे में न्यायालय ने 9 अप्रैल को जवाब मांगा था। अभी शिक्षा के अधिकार कानून के तहत सिर्फ 8वीं कक्षा तक ही कम आय वर्ग के छात्रों को निःशुल्क शिक्षा देने का प्रावधान है।

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