नई दिल्ली (IP News). भारतीय मज़दूर संघ के एक प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह से मुलाकात कर विभिन्न विभागों से संबंधित सर्विस मामलों पर विस्तार से चर्चा की।

प्रतिनिधिमंडल में भारतीय प्रतिरक्षा मज़दूर संघ (बीपीएमएस), सरकारी कर्मचारी राष्ट्रीय परिसंघ, ग्रुप ए अधिकारी, ग्रुप बी अधिकारी महासंघ, भारतीय सर्वेक्षण संघ सहित भारतीय मज़दूर संघ के विभिन्न आयामों के सदस्य शामिल थे।

बैठक की शुरुआत में प्रतिनिधिमंडल में शामिल सदस्यों ने डॉ. जितेन्द्र सिंह को इस बात के लिए धन्यवाद दिया कि बीएमएस ने जब भी डॉ. जितेन्द्र सिंह से मिलने का समय मांगा, मंत्री ने हमेशा ही त्वरित और सकारात्मक जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों के फायदे और काम को सरल बनाने के लिए डीओपीटी ने जो भी सुधार किए हैं, कर्मचारी उन सुधारों की काफी प्रशंसा करते हैं।

करीब आधे घंटे की इस मुलाकात में डॉ. जितेन्द्र सिंह ने प्रतिनिधिमंडल के सभी सदस्यों को धैर्यपूर्वक पूरे ध्यान से सुना। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में ईमानदार और कर्मठ कर्मचारियों को प्रोत्साहित करने के लिए सभी ज़रूरी प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार में ईमानदारी और बेहतर प्रदर्शन को बाकी सभी पैमानों से ज़्यादा महत्व दिया जाता है।

डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि एक तरफ जहाँ अधिकारियों को कार्यालय में बेहतर माहौल प्रदान करने के लिए कई ऐतिहासिक कदम उठाए गए हैं, ताकि अधिकारी अपनी क्षमता के अनुसार सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर सके, वहीं दूसरी ओर विभिन्न ज़िम्मेदारियों को निभाने वाले अधिकारियों के क्षमता निर्माण के लिए प्रौद्योगिकी आधारित प्रणाली को भी विकसित किया जा रहा है। इस संबंध में उन्होंने विशेषरूप से “मिशन कर्मयोगी” सुधारों का उल्लेख किया, जिन्हें हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने पास किया है।

अधिकारियों की पदोन्नति और विभिन्न स्तरों पर उनके एम्पैनलमेंट के संबंध में डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि डीओपीटी निर्धारित समय में पदोन्नति की प्रक्रिया को कारगर बनाने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है, लेकिन इस प्रक्रिया में सबसे बड़ी बाधा समय-समय पर न्यायालय में दायर होने वाली याचिकाएं हैं। उन्होंने कहा कि वह स्वंय व्यक्तिगत तौर पर विभिन्न कर्मचारी समूहों से संपर्क करने का प्रयास कर रहे हैं, और उनसे अपील कर रहे हैं कि पदोन्नति की प्रक्रिया में आने वाली विभिन्न बाधाओं से निपटने में डीओपीटी का सहयोग करें।

इस दौरान मंत्री को वर्तमान समय में कर्मचारियों से जुड़े मुद्दों पर प्रकाश डालने वाले अलग-अलग ज्ञापन भी सौंपे गए थे। इनमें अधीक्षक सर्वेक्षकों के रिक्त पदों पर भारतीय सर्वेक्षण के अधिकारियों की पदोन्नति और डीओपीटी के दिशा-निर्देशों के अनुसार ग्रुप ए और ग्रुप बी के अधिकारियों के कैडर का पुनर्गठन शामिल हैं।प्रतिनिधिमंडल ने मंत्री से निवेदन किया कि पेंशन-लाभ की गणना के संबंध में राष्ट्रीय स्तर पर एक वेतन वृद्धि प्रदान की जाए और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग में तदर्थ आधार पर पदों को भरा जाए।

डॉ. जितेन्द्र सिंह ने प्रतिनिधिंडल के सदस्यों को आश्वासन दिया कि वह प्रत्येक मामले पर अलग से विचार करेंगे और उस पर लिए गए निर्णय पर चर्चा के लिए प्रतिनिधिमंडल से पुनः मुलाकात करेंगे।

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