भारत बायोटेक ने बताया कि तीसरे चरण के अंतरिम नैदानिक जांच के बाद कोवैक्सीन टीका 81 प्रतिशत कारगर साबित हुआ है।
इस परीक्षण में 21 स्थानों से 25 हजार आठ सौ लोग शामिल हुए। पहला नैदानिक विश्लेषण 43 मामलों पर आधारित है, जिसमें से 36 कोविड-19 के मामलों का परीक्षण प्लेसबो समूह और सात मामलों का कोवैक्सीन के रूप में किया गया। यह टीका भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद-आईसीएमआर के सहयोग से बायोटेक ने बनाया है।
आईसीएमआर महानिदेशक डॉक्टर बलराम भार्गव ने कहा कि स्वदेशी वैक्सीन आठ महीने से कम समय में पूरा किया जाना आत्मनिर्भर भारत की उभरती ताकत का संकेत है।
भारत बायोटेक के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक डॉक्टर कृष्णा एल्ला ने बताया कि यह टीका कोविड-19 के अलावा संक्रमण के नए प्रारूप से निपटने में भी प्रभावशाली होगा।