कोरबा (आईपी न्यूज)। भैंस के मांस के निर्यात से मोदी सरकार के राजस्व में खासी बढ़ोतरी हुई है। मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार के अंतिम कार्यकाल में 71,752.1 करोड़ रुपए का राजस्व मिला था। 2014-15 से 2018-19 की अवधि में यह राजस्व बढ़कर 1,33,340.9 करोड़ रुपए पर पहुंच गया। चालू वित्तीय वर्ष में केन्द्र को अक्टूबर तक 13346.18 करोड़ रुपए का रेवन्यू मिला है। यानि 20409.5 मिलियन अमेरिकी डालर मिले। हालांकि 2017-18 के मुकाबले 2018-19 में निर्यात व राजस्व दोनों में कमी आई। मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में 67,01,621.4 मीट्रिक टन भैंस का मांस देश के बाहरी मूल्कों को भेजा गया। मांस को लेकर हो- हल्ला मचाने वाले उत्तरप्रदेश राज्य में देश की सात बड़ी निर्यात कंपनियां हैं। महाराष्ट्र में दो तथा नई दिल्ली में एक निर्यात कंपनी है। यह जानकारी लोकसभा में प्रस्तुत की गई है।
आंकड़ों में मांस का व्यापार
वर्ष              मात्रा (मीट्रिक टन में)   मूल्य (करोड़ में)
2009-10           4,95,538                  5,488.20
2010-11             7,26,718                  8,614.00
2011-12             9,87,714                  13,757.30
2012-13            14,51,941                  26,472.40
2014-15            14,76,309                 29,289.20
2015-16            13,14,533                 26,688.10
2016-17            13,23,576                 26,161.50
2017-18            13,50,563                 26,033.80
2018-19            12,36,638                 25,168.30
2019-20           6,69,280                   13,346.18
10 बड़ी निर्यातक कंपनियां
1. अलानसन प्रा. लि., मुंबई
2. एचएमए एग्रो इंडस्ट्रीज लि., आगरा
3. रूस्तम फूड्स प्रा. लि., कानपूर
4. अलहसन एग्रो फूड्स प्रा. लि., अलीगढ़
5. अमरून फूड्स प्रा. लि., गाजियाबाद
6. मिरहा एक्सपोर्टस प्रा. लि., नई दिल्ली
7. अल समीर एक्सपोर्टस प्रा. लि., मेरठ
8. फेयर एक्सपोर्टस प्रा. लि., मंुबई
9. इंटरनेशनल एग्रो फूड्स, गाजियाबाद
10. मैश एग्रो फूड्स लि., कानपूर

  • Website Designing