नई दिल्ली. रेलवे बोर्ड ने कर्मचारियों को बड़ी राहत देते हुए रात्रिकालीन कार्य भत्तों की कटौती पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है. रेलवे बोर्ड की इस पहल को विभिन्न यूनियनों ने कर्मचारियों की जीत करार दिया है. एनएफआईआर और एआईआरएफ ने इस उपलब्धि को अपने झोली में डालने का प्रयास किया है. दोनों फेडरेशन के नेताओं ने दावा किया है कि यह उनके ही प्रयास का नतीजा है.

इससे पहले रेल मंत्रालय ने एक आदेश जारी कर यह निर्देशित किया था कि 43600 रुपये से अधिक वेतन पाने वाले रेल कर्मचारियों को रात्रि कालीन कार्य भत्ता नहीं दिया जाएगा. इस आदेश के बाद रेलकर्मियों में कड़ी नाराजगी देखी जा रही थी. सबसे अधिक नाराजगी पूर्व में भुगतान किये जा चुके भत्तों की वसूली को लेकर था. एनएफआईआर के महामंत्री डॉ. एम राघवैया और एआईआरएफ के महामंत्री शिवगोपाल मिश्रा ने केंद्रीय कार्मिक और प्रशिक्षण मंत्रालय तथा रेल मंत्रालय के समक्ष इसे लेकर आपत्ति दर्ज कराई थी. दोनों फेडरेशनों ने इस निर्णय को वापस लेने का दबाव भी बनाया था.

इसके बाद रेलवे बोर्ड ने इस मामले को कार्मिक मंत्रालय के पास भेज दिया था. अभी वहां से कोई आदेश नहीं आया है. इस बीच रेलवे बोर्ड ने कार्मिक मंत्रालय से आदेश आने तक कर्मियों के रात्रिकालीन कार्य भत्तों में कटौती के आदेश पर रोक लगा दी है. इसके साथ ही अब पूर्व के भत्तों पर भी वसूली नहीं होगी. रेलवे बोर्ड ने पूर्व की तरह भत्ता देने का आदेश जारी किया है. आल इंडिया रेलवे मेंन्स फेडरेशन के महामंत्री शिवगोपाल मिश्रा ने सीधा संवाद कार्यक्रम में बताया कि NDA की रिकवरी पर रोक लगा दी गई है, लेकिन ये काफी नही है, हमारी कोशिश है कि ये पहले की तरह जारी रहे.

रेलवे फेडरेशन ने इस कदम को लेकर ब्लैक डे मनाकर अपना विरोध दर्ज कराया था. रेलवे बोर्ड के आदेश के बाद रेलकर्मियों ने मिठाई बांटकर खुशी जतायी है.

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