कोरबा (आईपी न्यूज)। कोरबा जिले के  शहरी क्षेत्र के 4- 5 ऐसे इलाके हैं, जहां का सूरज ढलते ही वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) खतरे के निशान को पार कर जाता है। ये क्षेत्र एसईसीएल, एनटीपीसी, बालको, विद्युत कंपनी के दायरे में आते हैं। बुधवार की शाम छह से सात बजे के बीच कुसमुण्डा इमलीछापर एरिया का एक्यूआई स्तर 424 माइक्रोग्राम क्यूबिक मीटर दर्ज किया गया। यह आंकड़ा प्रदूषण की गंभीर स्थिति को दर्शाता है। सामान्य स्तर पर यह आंकड़ा 100 होना चाहिए। पीएम 10 और पीएम 2.5 का स्तर भी निर्धारित पैमाने को पार कर गंभीर स्थिति पर पहुंच गया। यह इलाका एसईसीएल कुसमुण्डा खदान क्षेत्र में आता है। समीप में कोयला खदान होने के साथ ही कोल साइडिंग भी यहां स्थित है। इस वजह से इस क्षेत्र में कोयला लोड भारी वाहन बड़ी संख्या में दौड़ते हैं। दूसरा सड़कों के जर्जर होने के कारण भारी मात्रा में धूल भी उड़ती है। बस्ती इलाकों में रसोई के लिए कोयला जलाना भी इसमें शामिल है।
एनटीपीसी- एचटीपीपी मैनेजमेंट खामोश
आंकड़े बताते हैं कि दर्री- एनटीपीसी- एचटीपीपी क्षेत्र भी प्रदूषण की जबरदस्त मार झेल रहा है। बुधवार की शाम छह से सात बजे के बीच यहां का एक्यूआई स्तर 447 पर था। पीएम 10 का स्तर 844 तथा पीएम 2.5 का लेवल 599 दर्ज किया गया। पीएम 10 की सामान्य स्थिति तब मानी जाती है जब इसका स्तर 100 या इससे कम हो और पीएम 2.5 का लेवल 60 तक। इस क्षेत्र में प्रदूषण को नियंत्रित करने न ही एनटीपीसी और न ही राज्य सरकार के अधीन आने वाली कंपनी एचटीपीपी कोई कदम उठा रही हैै।
बालको प्रबंधन नहीं कर पा रहा नियंत्रित
बालकोनगर का परसाभाठा- रिंगरोड- शांतिनगर- परसाभाठा क्षेत्र प्रदूषण के दायरे में रहता हैै। बुधवार को इस इलाके का एक्यूआई 239 के स्तर पर था। पीएम 10 का लेवल 212 तथा पीएम 2.5 का स्तर 102 पर रहा। कई दफे इस एरिया का एक्यूआई 400 के स्तर को पार कर जाता है। इस इलाके में प्रदूषण का कारण बालको संयंत्र है। यहां का प्रबंधन इसे नियंत्रित नहीं कर पा रहा है। इधर, शहर का रविशंकर नगर क्षेत्र के भी हालात कुछ ठीक नहीं है। इस इलाके का एक्यूआई का स्तर भी डेंजर जोन में दर्ज हो रहा है।

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