भिलाई (IP News). सेल कारपोरेट अवार्ड फॉर एक्सीलेंस-2020 के विजेताओं को 24 दिसम्बर को आयोजित वर्चुअल समारोह में सेल चेयरमैन अनिल कुमार चौधरी ने सम्मान पट्टिका और सर्टिफिकेट प्रदान कर सम्मानित किया। इस अवसर पर अध्यक्ष सेल द्वारा एक बुकलेट “सेल ट्रांसफॉर्मेशन स्ट्रैटेजी” का विमोचन किया गया।

विजेताओं को बधाई देते हुए सेल चेयरमैन अनिल कुमार चौधरी ने कहा “सेल कार्पोरेट अवार्ड्स फॉर एक्सिलेंस” की स्थापना सेल कार्मिकों के विभिन्न क्षेत्रों में अनुकरणीय प्रदर्शन और असाधारण योगदान को मान्यता प्रदान करने और सम्मानित करने के लिए कंपनी के स्तर पर एक मंच तैयार करने के लिए की गई है। इस पहल का उद्देश्य कार्मिकों के बीच उत्कृष्टता की भावना को पोषित करने, उनके असाधारण योगदान को पहचानने और उनके बीच और बेहतर करने के जुनून को प्रेरित करने का माहौल विकसित करना है। कंपनी में शीर्ष स्तर पर अधिकारियों की असाधारण उपलब्धियों को पहचानना, उन्हें सम्मानित करना, सराहना करना और खुशी मनाना प्रेरक माहौल को और अधिक बल प्रदान करेगा। इसके साथ ही कार्मिकों को नई चुनौतियों को स्वीकार करने और कर्तव्यों के निर्वहन में आगे बढ़ने का प्रयास करने के लिए प्रेरित करेगा।‘’

सेल एक्सीलेंस अवार्ड के अपेक्स कमेटी के सदस्य डॉ सनक मिश्रा ने प्रतियोगिता पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर निदेशक (वित्त) अमित सेन, निदेशक (तकनीकी, रॉ-मटेरियल्स एंड प्रोजेक्ट्स)  एच एन राय, निदेशक (वाणिज्यिक) सुश्री सोमा मंडल ने सभा को संबोधित किया। इस समारोह में सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र के निदेशक प्रभारी अनिर्बान दासगुप्ता और संयंत्र के कार्यपालक निदेशकों ने भी भाग लिया।

सेल कारपोरेट अवार्ड फॉर एक्सीलेंस-2020 के तहत प्रदत्त पुरस्कारों में प्रशस्ति पत्र और नकद पुरस्कार प्रदान किए गए। इसके अन्तर्गत सर्वश्रेष्ठ सीईओ पुरस्कार और सेल में सर्वश्रेष्ठ ईडी पुरस्कार के लिए 1 लाख रुपये नकद और प्रशस्ति पत्र प्रदान किए जाते हैं। सेफ्टी, कॉस्ट, प्रोडक्टिविटी, इनोवेशन, मार्केटिंग, मोटिवेशन, डिजिटाइजेशन, आर एंड डी, कम्युनिकेशन और वीमेन ट्रेलब्लेजर के 10 उप वर्गों में दिए जाने वाले पुरस्कार के तहत रुपये 50,000/-नकद और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाता है।

“वूमेन ट्रेलब्लेजर” वर्ग में महाप्रबंधक (वायर रॉड मिल) सुश्री अनुपमा कुमारी, “प्रोडक्टिविटी एक्सपर्ट” श्रेणी में महाप्रबंधक (एसएमएस-3) श्री जितेन्द्र कुमार एवं “इनोवेशन एक्सपर्ट” केटेगरी में सहायक महाप्रबंधक (इंकास) श्री अमित कुमार ने इस प्रतिष्ठित अवार्ड को जीतकर सेल-बीएसपी बिरादरी को गौरवान्वित किया है। सभी विजेताओं ने इस पुरस्कार का श्रेय अपने विभागीय टीम के सदस्यों को दिया।

विदित हो कि सुश्री अनुपमा कुमारी ने प्रौद्योगिकी को सक्षम बनाने की रणनीति के तहत ट्रिगर/इनिशिएटर के रूप में कार्य किया है, जिसे उनकी टीम ने उत्तरोत्तर नई प्रेक्टिसेस को अपनाया है। विदित हो कि 8 दिनों की कैपिटल रिपेयर के दौरान जॉयस्टिक के साथ रिमोट इनपुट/आउटपुट और नए नियंत्रण डेस्क के साथ सभी डिजिटल एसी और डीसी (कुल-13 नग) ड्राइव को कमीशन और परीक्षण करने के लिए उनकी टीम द्वारा एक चुनौती हाथ में ली और कैपिटल रिपेयर के दौरान 8 दिनों के रिकॉर्ड समय में परियोजना को सफलतापूर्वक लागू किया।

इसके अलावा, टीम द्वारा एक्सपेरिमेंट और परीक्षण की एक श्रृंखला प्रारंभ की गई, जिसमें आरडीसीआईएस, क्वालिटी, शॉप और एसएमएस-3 के कार्मिकों को शामिल किया गया। ताकि माइक्रो एलॉय के बिना टीएमटी को रोल किया जा सके। फलस्वरूप एसएमएस-3 के बिलेट्स से टीएमटी कॉइल्स की सफल रोलिंग की गई। टीएमटी के आवश्यक वाईएस और यूटीएस को प्राप्त करने के लिए कूलिंग सर्किट में मॉडिफिकेशन किए गए। इन पहलों के कारण उत्पादन लागत में भी काफी कमी आई है।

“प्रोडक्टिविटी एक्सपर्ट” के रूप में पुरस्कृत जितेंद्र कुमार ने एसएमएस-3 में सुपर हीट नियंत्रण द्वारा कास्टिंग की गति बढ़ाने की चुनौती स्वीकार की। उनके इस प्रयास से एसएमएस-3 में रेल ब्लूम उत्पादन को बढ़ाने में मदद मिलेगी। साथ ही आरएच वेसल के जीवन में वृद्धि होगी। उनकी टीम ने वर्ष 2019-20 में आर्किंग टाइम को कम करने में सफलता प्राप्त की।

सिंटर प्लांट-3 के वेस्ट गैस ईएसपी प्रोजेक्ट के उन्नयन के लिए 60 दिनों की अवधि के लिए एग्जास्टर-1 को बंद रखने की योजना बनाई गई। श्री अमित कुमार ने इस डाउनटाइम का उपयोग करते हुए एग्जास्टर-1 में आंतरिक संसाधनों द्वारा पीएलसी सिस्टम को अपग्रेड करने का बीड़ा उठाया। इसके साथ ही एग्जास्टर-1 के मौजूदा पीएलसी सिस्टम में लगाए गए कल-पुर्जों को एकत्र कर इसका उपयोग दूसरे एग्जास्टर के पीएलसी सिस्टम को बनाने में किया गया। श्री अमित कुमार ने यह पाया कि ब्लास्ट फर्नेस-2 के जीसीपी-2 में लगे पुराने पीएलसी कार्ड और जीसीपी के पीएलसी पैनल का उपयोग पुराने मित्सुबिशी पीएलसी सिस्टम को बदलने के लिए इस्तेमाल जा सकता है।

वर्तमान मित्सुबिशी पीएलसी प्रोग्राम का अध्ययन किया गया तथा एग्जास्टर ऑपरेशन और अन्य संबंधित सहायक उपकरणों के संचालन के लिए रॉक वेल प्लेटफॉर्म में नए प्रोग्राम विकसित किए गए। नए इनपुट-आउटपुट माड्यूल को शामिल करने के लिए इस नए प्रोग्राम में कई बदलाव भी किए गए। साथ ही इस नए डिजाइन को स्थापित किया गया। प्रोग्राम में सभी परीक्षण और आवश्यक सुधारों को पूर्ण करने के बाद, 26 अगस्त, 2020 को परियोजना को अंतिम ट्रायल लेकर इसे पूरी तरह लागू कर दिया गया।

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