कोरबा (आईपी न्यूज)। आने वाले कुछ वर्षों में जलवायु परिवर्तन की बड़ी मार पड़ने वाली है। इसको लेकर अगाह किया जा चुका है। इससे निपटने कई मुल्कों की सरकारों ने काम शुरू किया है। इधर, देश में नदियों को जोड़ने की परियोजनाओं पर तेजी से काम होता नहीं दिख रहा है। छत्तीसगढ़ में इसकी योजना तैयार की गई है, लेकिन न ही पूर्व और न ही वर्तमान सरकार द्वारा इसके प्रति बहुत गंभीरता नहीं दिखाई जा रही है। यहां बताना होगा कि बिलासपुर जिले से गुजरने वाली अरपा नदी ग्रीष्म ऋतु में मृतप्रायः हो जाती है। इधर, कोरिया जिले से निकलने वाली हसदेव एक ऐसी नदी जो बारह माह पानी से लबालब रहती हैै। हसदेव नदी का पानी अरपा में लाने की योजना तैयार की गई। इसे हसदेव महादेव पाली से बरपाली जल संवर्धन योजना नाम दिया गया हैे। प्रदेश की भूपेश सरकार ने इसे जलवायु संवेदनशील योजना मेें सम्मिलित किया हैै। योजना के लिए सर्वेक्षण, तकनीकी परीक्षण, स्थल चयन आदि कार्य के लिए सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष के बजट में 50 लाख रुपए का प्रावधान रखा है। बताया गया है इस पर अब तक कोई काम प्रारंभ नहीं किया जा सका है। सरकार ने इसेे प्रक्रियाधीन होना बताया है। बताया गया है हसदेव व अरपा नदी को जोड़ने वाली इस परियोजना के लिए प्रशासकीय स्वीकृति के बाद काम पूरा होने में चार साल का वक्त लग जाएगा।
इधर, तमिलनाडू सरकार ने नदी जोड़ो परियोजना के अंतिम चरण के लिए भूमि अधिग्रहण का आदेश दिया
तमीराबरानी – करुमानियार – नाम्बियार नदी जोड़ोे परियोजना के चैथे और अंतिम चरण के लिए भूमि अधिग्रहण का आदेश तमिलनाडू सरकार ने जारी कर दिया है। यह परियोजना दिसम्बर 2020 तक लिंकअप हो जाएगी। यह प्रोजेक्ट 872 करोड़ रुपए का है।

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