कोरबा (IP News). 26 नवम्बर को प्रस्तावित एक दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल को लेकर पब्लिक सेक्टर सहित अन्य उद्योगों के श्रमिक संगठनों ने कमर कसनी शुरू कर दी है। इसी परिप्रेक्ष्य में बुधवार को एसईसीएल बैकुंठपुर क्षेत्र के चर्चा कॉलरी के साकेत सदन में सेंट्रल ट्रेड यूनियन एचएमएस, एटक, सीटू, एसईकेएमसी, आरकेकेएमएस का संयुक्त कन्वेंशन आयोजित हुआ। इसमें भटगांव, बिश्रामपुर, बैकुंठपुर और चिरमिरी कोयला क्षेत्र के लोग सम्मिलित हुए। कन्वेंशन में 26 नवंबर को प्रस्तावित एक दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल को सफल बनाने को लेकर चर्चा की गई।

कन्वेंशन की अध्यक्षता करते हुए एसकेएमएस एटक के महासचिव हरिद्वार सिंह ने कहा कि केन्द्र सरकार देश के पब्लिक सेक्टर का विनिवेश करने पर अमादा है। मजदूरों के हक में बने 44 श्रम कानूनों को चार लेबर कोड में बदल दिया गया है, जो कि मजदूरों के पक्ष में नहीं है। मजदूरों की सामाजिक सुरक्षा खतरे में है। चाहे के केंद्रीय कर्मचारी हों या राज्य सरकार के या फिर निजी कारखानों के, सभी की नौकरी असुरक्षित हो गई है। मजदूरों के कोर्ट में जाने का अधिकार छीन लिया गया है। भारत सरकार लगातार नौकरी पेशा एवं आम जनता के ऊपर टैक्स का बोझ बढ़ाने वाले कानून ला रही है। महंगाई चरम सीमा पर है। पूर्व में भी कोयला मजदूरों ने भारत सरकार के कमर्शियल माइनिंग के मुद्दे पर 2, 3, 4 जुलाई को 72 घंटे की हड़ताल की थी। सरकार ने 3 माह के लिए कमर्शियल माइनिंग को स्थगित किया, लेकिन अक्टूबर के अंतिम सप्ताह में बिक्री चालू हो गई। कोयला खदानों को निजी कंपनियों को औने पौने भाव में बेचा रहा है। इससे राज्य सरकारों को हजारों करोड़ रुपए के टैक्स का नुकसान होगा।

संयुक्त कन्वेंशन को एटक से लिंगराज नायक, एचएमएस से हरि यादव, सीटू से महासचिव जीएस सोढ़ी, एसईकेएमसी से सत्येंद्र सिंह पाल, आरकेकेएमएस महासचिव पीके राय ने भी संबोधित किया।

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