भारत में 4जी डाटा सर्विस उपभोक्ताओं की बड़ी संख्या की वजह से भारत फ्री एंड ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर (एफओएसएस) के लिए एक प्रभावशाली हब बनने की दिशा में काफी मज़बूत स्थिति में है। भारत में 4जी डाटा सर्विस उपभोक्ताओं की कुल संख्या में से करीब 96 फीसदी उपभोक्ता ओपन-सोर्स आधारित मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम (प्राथमिक तौर पर एंड्रॉयड) के माध्यम से डिजिटल दुनिया का लुत्फ उठाते हैं। भारत की कुछ बड़ी सरकारी परियोजनाओं (आधार सहित) और कई प्रौद्योगिकी आधारित स्टार्ट-अप्स को भी एफओएसएस की मदद से विकसित किया गया है। फोस (एफओएसएस) की व्यापक क्षमता को स्वीकार करते हुए, भारत सरकार ने वर्ष 2015 में ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर को अपनाने की दिशा में एक नीति जारी की थी।

सरकार और सरकारी कामकाज में फोस (एफओसएसएस) के उपयोग और फोस (एफओसएसएस) को अपनाने के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने 22 अप्रैल 2021 को “फ्री एवं ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर (एफओएसएस) इन गवर्नमेंट” विषय पर वर्चुअल माध्यम से एक गोलमेज़ सम्मेलन का आयोजन किया। ये सम्मेलन ओमिडयार नेटवर्क इंडिया के सहयोग से आयोजित किया गया।इस अवसर पर अपने विचार रखते हुए इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव अजय साहनी ने इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों की सराहना की। इनमें वर्ष 2015 में ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर के लिए बनाई गई नीति से लेकर आरोग्य सेतु ऐप को ओपन सोर्स सहभागिता आधार पर विकसित करना जैसे विभिन्न प्रयास शामिल हैं।

उन्होंने कहा, “मुझे यह जानकर काफी खुशी है कि सरकार में फोस (एफओएसएस) को अपनाने की दिशा में सरकारी नेतृत्व, शिक्षाविद् और फोस (एफओएसएस) इनोवेटर्स काफी रुचि ले रहे हैं। इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय इस यात्रा में अपनी अहम भूमिका निभाता रहेगा। मुझे आज #FOSS4GOV इनोवेशन चैलेंज की घोषणा करते हुए काफी खुशी हो रही है। ये कार्यक्रम सरकार के महत्वपूर्ण मुद्दों के समाधान के लिए फोस (एफओएसएस) समुदाय की नवाचार क्षमता और स्टार्ट-अप्स का उपयोग करेगा। भविष्य में भी इस तरह के कई अन्य प्रयास किए जाएंगे।”

ओमिडयार नेटवर्क इंडिया के साझेदार वरद पांडे ने भारत में फोस (एफओसएसएस) की संभावनाओं पर एक प्रस्तुति देते हुए कहा, “हम एफओसएसएस को सुरक्षित और समावेशी ओपन डिजिटल इकोसिस्टम (ODEs) के निर्माण से संबंधित GovTech 3.0 के प्रमुख घटक के रूप में देखते हैं, जो भारत की सबसे कठिन समस्याओं का समाधान निकलाने में मदद करने के लिए सामाजिक इनोवेटर्स की क्षमता का इस्तेमाल करते हैं। सरकार में एक विचारशील और रणनीतिक तरीके से एफओसएसएस को अपनाने की दिशा में इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के प्रयासों से हम काफी उत्साहित हैं और इस यात्रा में मंत्रालय का एक साझेदार होने की हमें खुशी है।”

कार्यक्रम के दौरान एनईजीडी के अध्यक्ष और सीईओ, माईजीओवी के सीईओ और डिजिटल इंडिया कॉर्पोरेशन के एमडी  अभिषेक सिंह ने विभिन्न सत्रों का संचालन किया। इन सत्रों में विभिन्न हितधारकों ने भारत में आधार और यूपीआई जैसे एफओएसएस आधारित प्लेटफॉर्म के सफलतापूर्वक कार्यान्वयन के बारे में अपने अनुभव साझा किए और सभी प्रतिभागियों के लिए श्रेष्ठ कार्यप्रणाली और शिक्षा पर प्रकाश डाला। इस दौरान हिमाचल प्रदेश, हरियाणा और केरल की सरकारों द्वारा सफलतापूर्वक अपनाए गए एफओएसएस आधारित नवाचार और ओपन सोर्स एंटरप्राइज़ सॉल्युशन के बारे में प्रस्तुति भी दी गई। वक्ताओं में एकस्टेप फाउंडेशन, समग्र गवर्नेंस, सिविक डाटा लैब, इंटरनेशनल सेंटर फॉर फ्री एंड ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर (आईसीएफओएसएस) और फ्रैपे टेक्नॉलॉजीज़ (ईआरपी नेक्स्ट के निर्माणकर्ता) के प्रतिनिधि शामिल थे।

एफओएसएस समुदाय के सदस्यों, इनोवेटर्स और शिक्षाविदों के साथ चर्चा में एफओएसएस के सहयोगात्मक क्षमता स्पष्ट रूप से चर्चा के केन्द्र में थी। राज्य सरकारों के प्रतिनिधियों ने तकनीकी प्लेटफार्मों के निर्माण के बारे में अपने अनुभव साझा किए और उन चुनौतियों पर प्रकाश डाला, जहां ओपन सोर्स तकनीक सबसे उपयोगी साबित हो सकती है।इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने सरकार में फ्री एंड ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर (एफओएसएस) को अपनाने की दिशा में तेज़ी लाने के लिए #FOSS4GOV इनोवेशन चैलेंज की घोषणा भी की। #FOSS4GOV इनोवेशन चैलेंज के तहत मंत्रालय ने एफओएसएस इनोवेटर्स, प्रौद्योगिकी उद्यमियों और भारतीय स्टार्ट-अप्स से आह्वान किया कि वे स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि, शहरी शासन आदि में Govtech के लिए संभावित अनुप्रयोगों के साथ सीआरएम और ईआरपी में इस्तेमाल किए जाने वाले ओपन सोर्स उत्पाद नवाचारों को प्रस्तुत करें। इस चैलेंज में भाग लेने वाले प्रतिभागियों व्यावसायिक सहायता, पुरस्कार राशि, संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञों द्वारा मेंटरशिप, विचारों को व्यावसायिक तरीके से लागू करने के लिए प्रख्यात संगठनों से संस्थागत सहायता और जीईएम पर समाधानों को लिस्ट करने के लिए पात्रता दी जाएगी।

इस चैलेंज की विस्तृत जानकारी और भाग लेने के तरीके के बारे में मंत्रालय द्वारा माईजीओवी और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी के स्टार्टअप हब के माध्यम से जल्द ही जानकारी साझा की जाएगी।इस गोलमेज़ बैठक ने राज्यों, केन्द्रीय मंत्रालयों और विभिन्न एजेंसियों के नेतृत्व को GovTech प्लेटफॉर्म्स और एप्लिकेशंस में एफओसएसएस के इस्तेमाल की दिशा में अपने अनुभवों, श्रेष्ठ कार्यप्रणालियों और शिक्षाओं को साझा करने के लिए एक मंच प्रदान किया। प्रतिभागियों ने सरकार में फोस (एफओएसएस) को अपनाने के अभियान को आगे बढ़ने के तरीकों के बारे में अपने विचार साझा किए, और इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में #FOSS4GOV इनोवेशन चैलेंज की घोषणा का स्वागत किया।

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