बिलासपुर। एसईसीएल मुख्यालय बिलासपुर में श्रमिक संगठन एटक से सम्बद्ध संयुक्त कोयला मजूदर संघ ने 38 सूत्रीय मांगों को लेकर हल्ला बोल धरना प्रदर्शन किया। एटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष तथा जेबीसीसीआई सदस्य रमेंद्र कुमार ने कहा केन्द्र सरकार के इशारे पर सीआईएल प्रबंधन कोयला कामगारों के वेतन समझौते को लेकर टालमटोल का रवैया अपना रहा है।

रमेंद्र कुमार ने कहा कि देश की आर्थिक स्थिति खराब है। इसका सबसे ज्यादा असर मजदूरों पर पड़ रहा है। बेरोजगारी ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। मोदी सरकार देश के सार्वजनिक संस्थानों को बेच रही है। आम जनता का ध्यान बांटने के लिए धर्म की राजनीति कर रही है। इस तरह की राजनीति देश की प्रगति के लिए बाधक है। श्री कुमार ने कहा कि सभी विपक्षी पार्टियों को एकजुटता के साथ इस तरह की राजनीति की जोरदार मुखालफत की जानी चाहिए।

एटक के महामंत्री हरिद्वार सिंह ने 38 सूत्रीय मांग पत्र का उल्लेख किया। इस मांग पत्र में खदानों को मनमाना तरीके से बंद करना, बेवजह मजदूरों का हाजिरी काटना, प्रबंधन का घोर मजदूर विरोधी तानाशाही रवैया अपनाना, मजदूरों को आवास सुविधा मुहैया कराना, मेन पावर बजट में 16 फीसदी प्रमोशन का प्रावधान करना, ठेका मजदूरों को निर्धारित हाई पावर कमेटी के सिफारिश के अनुसार वेतन भुगतान करना, विभागीय मजदूरों को समय में वेतन देना, वेतन विसंगतियों को दूर करना आदि शामिल है। एटक नेता दीपेश मिश्रा ने केन्द्र सरकार की आर्थिक नीतियों की जमकर आलोचना की और इसे मजदूर विरोधी बताया।

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