SECL की सभी 13 कोल माइंस टारगेट से पीछे, फरवरी तक 121.85 MT उत्पादन, डिस्पैच में भी पिछड़े

चालू वित्तीय वर्ष 2021- 22 के फरवरी तक 121.85 मिलियन टन (MT) कोयला उत्पादन दर्ज किया गया, जबकि फरवरी तक का टारगेट 153.11 मिलियन टन था।

बिलासपुर, 01 मार्च। कोल इंडिया की सबसे बड़ी उत्पादन कंपनी साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (SECL) उत्पादन लक्ष्य से पीछे चल रही है। चालू वित्तीय वर्ष 2021- 22 के फरवरी तक 121.85 मिलियन टन (MT) कोयला उत्पादन दर्ज किया गया, जबकि फरवरी तक का टारगेट 153.11 मिलियन टन था।

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एसईसीएल के मेगा प्रोजेक्ट्स उत्पादन लक्ष्य से पीछे चल रहे हैं। गेवरा ने 42.39 मिलियन टन लक्ष्य के मुकाबले फरवरी तक 35.13 मिलियन टन कोयला उत्पादन किया है।

दीपका परियोजना से 29.30 तथा कुसमुंडा खदान से 23.23 मिलियन टन कोयला उत्पादन किया जा सका है। फरवरी तक दीपका के समक्ष 31.90 तथा कुसमुंडा को 39.01 मिलियन का टारगेट मिला हुआ था। शेष 10 खदानें भी उत्पादन लक्ष्य से पीछे हैं।

यहां बताना होगा कि एसईसीएल को चालू वित्तीय वर्ष के लिए 172 मिलियन टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य मिला हुआ है। इस लक्ष्य तक पहुंचने के लिए कंपनी के पास 31 दिनों का समय है, लेकिन माना जा रहा है कि टारगेट तक पहुंचना मुश्किल होगा।

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एसईसीएल कोल डिस्पैच में भी पीछे चल रही है। फरवरी तक 141.32 मिलियन टन डिस्पैच किया जा सका है, जबकि टारगेट 177.55 मिलियन निर्धारित किया गया था।

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