BMS के राष्ट्रीय सचिव पाण्डेय का सवाल- कोल इंडिया को बर्बाद पर आत्मनिर्भर कैसे बनेंगे? मोदी सरकार भी कांग्रेस की नीतियों पर चल रही

आरएसएस से सम्बद्ध भारतीय मजदूर संघ (BMS) के राष्ट्रीय सचिव सुरेन्द्र कुमार पाण्डेय ने केन्द्र सरकार के आत्मनिर्भर वाले नारे को एक साजिश करार दिया है।

नई दिल्ली, 12 मई। आरएसएस से सम्बद्ध भारतीय मजदूर संघ (BMS) के राष्ट्रीय सचिव सुरेन्द्र कुमार पाण्डेय ने केन्द्र सरकार के आत्मनिर्भर वाले नारे को एक साजिश करार दिया है।

श्री पाण्डेय ने industrialpunch.com से कई मुद्दों पर बेबाक तरीके से चर्चा। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय कोयला मंत्री प्रल्हाद जोशी थर्मल कोयले के आयात को कम करने और देश को आत्मनिर्भर बनाने की बात कहते हैं। कोयला मंत्रालय कॅमर्शियल माइनिंग नीति के तहत कोल ब्लॉक को निजी हाथों में सौंपने का काम कर रहा है। जब 300- 400 की संख्या में निजी कोल कंपनियां खड़ी हो जाएंगी तो फिर कोल इंडिया कहां रहेगा। ऐसे में सीआईएल के अस्तित्व पर खतरा पैदा हो जाएगा।

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सरकार एक तरफ आत्मनिर्भर की बात करती है, दूसरी ओर सार्वजिनक उपक्रमों को निजीकरण की ओर ढकेल रही है। बीएमएस नेता ने सवाल उठाया कि कोल इंडिया को बर्बाद पर आत्मनिर्भर कैसे बनेंगे। उन्होंने कहा कि कोयला मंत्रालय की कॅमर्शियल माइनिंग की नीति कोल इंडस्ट्रीज के लिए घातक है।

श्री पाण्डेय यहीं नहीं रूके, उन्होंने कहा कि केन्द्र की भाजपा सरकार भी वही नीति अपना रही है जो कांग्रेस अपने शासनकाल में अपनाती थी। जो कांग्रेस सरकार की आर्थिक, उदारीकरण, विदेश आदि नीतियों का विरोध करते थे, आज वही चेहरे सत्ता में काबिज हैं, लेकिन काम वही कर रहे हैं जो कांग्रेस ने सत्ता में रहते किया।

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बीएमएस के राष्ट्रीय सचिव सुरेन्द्र कुमार पाण्डेय ने कहा कि विदेश से कोयला आयात करने के निर्णय के पीछे राजनीति है। विदेशी कोयला महंगा था, महंगा है और महंगा रहेगा।

श्री पाण्डेय ने कहा कि सीआईएल को सरकार के दबाव में न आकर कोयले के दाम में बढ़ोतरी करनी चाहिए। सीआईएल सभी प्रकार के निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र है।

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