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नई दिल्ली, 11 अगस्त। भारतीय मजदूर संघ (BMS) ने कोल इंडिया लिमिटेड (CIL) प्रबंधन से कहा है कि संगठन के कोल प्रभारी एवं उप प्रभारी से सीधे तौर पर कोई पत्राचार नहीं किया जाए और न ही किसी समिति इत्यादि में नियुक्ति के लिए कोई नामांकन मांगा जाए। इस निर्णय को कोल प्रभारी के. लक्ष्मा रेड्डी की अहमियत को कम करने वाला बताया जा रहा है।

बीएमएस के राष्ट्रीय महामंत्री बिनय कुमार सिन्हा ने कोल इंडिया लिमिडेट के चेयरमैन को एक पत्र भेजा है। इसमें सीआईएल प्रबंधन पर आरोप लगाते हुए कहा गया है कि वो संगठनात्मक कामकाज में हस्तक्षेप कर रहा है। इस वजह से संगठन के कार्यकर्ताओं में भ्रम की स्थिति निर्मित होती है।

प्रबंधन का इस ओर ध्यान आकृष्ट कराया गया है कि बीएमएस एक केन्द्रीय ट्रेड यूनियन है, न कि कोयला उद्योग का औद्योगिक ट्रेड यूनियन। पत्र में कहा गया है कि संगठन के औद्योगिक प्रभारी और उप प्रभारी की भूमिका संगठन के कोल फेडरेशन यानी अखिल भारतीय खदान मजदूर संघ (ABKMS) के संगठनात्मक कामकाज के पर्यवेक्षी के तौर पर होती है। उनका कोल इंडिया प्रबंधन से कोई लेना-देना नहीं है। ABKMS के महामंत्री द्वारा ही कोल इंडिया प्रबंधन के साथ संवाद किया जाएगा।

संगठन के कोल प्रभारी एवं उप प्रभारी से प्रबंधन द्वारा किसी प्रकार का न ही पत्राचार किया जाए और न ही प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कोई नामांकन मांगा जाए। यदि कोल इंडिया प्रबंधन या कोयला मंत्रालय को ऐसी कोई आवश्यकता है, तो केवल बीएमएस से ही संपर्क किया जाए।

पत्र में प्रबंधन से यह भी कहा कि कुछ नामांकन बीएमएस के परामर्श के बिना किए गए हैं, जो अत्यधिक आपत्तिजनक है। पत्र में सीआईएल प्रबंधन द्वारा किए गए पत्राचार का उदाहरण भी दिया गया है।

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साभार : CIL facebook page

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