जांजगीर-चांपा, 12 जून। छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा ज़िले के पिहरीद गांव में बोरवेल में गिरे करीब 11 साल के बच्चे राहुल को रोबोट से निकालने की कोशिश सफल नहीं हो सकी है। एनडीआरएफ की टीम फिर से टनल बनाने के कार्य में जुट गई है। इस बीच साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (SECL) के कुसमुंडा, मानिकपुर और मनेन्द्रगढ़ से 10 सदस्यीय रेस्क्यू टीम पहुंची है। यह टीम भूमिगत खदानों में होने वाले हादसों में बचाव कार्य करती है। टीम का नेतृत्व जीपी शुक्ला कर रहे हैं।

सूरत, गुजरात से आए रोबोटिक्स इंजीनियर महेश ने बोरवेल में रोबोट उतारा था, लेकिन कीचड़ और पानी की वजह से यह प्रयास सफल नहीं हो सका। हालांकि रोबोटिक्स तरीके से एक बार और कोशिश की जा रही है।

एनडीआरएफ की टीम टनल बनाने का कार्य में जुट गई है। बोरवेल के ठीक बगल में 61.5 फीट से ज्यादा की खुदाई हो गई है। 5 फीट की खुदाई के बाद टनल बनाए जाने का काम शुरू किया जाना था, लेकिन एक चट्टान इस काम में बड़ी बाधा बन गई। रॉक ब्रेकर का उपयोग किया जा रहा है।

इधर, बोरवेल में पानी का रिसाव हो रहा है। एनडीआरएफ व एसडीआरएफ के लोग बर्तनों के जरिए पानी को निकाल रहे हैं। राहुल को खाने का सामान रस्सी के माध्यम से नीचे तक पहुंचाया जा रहा है।

पाइप के माध्यम से राहुल को ऑक्सीजन दी जा रही है। बोरवेल से राहुल की आवाज और उसकी हलचल पूरी तरह सुनाई और दिखाई दे रही है। कैमरे से उस पर नजर रखी जा रही है।

यहां बताना होगा कि पिहरिद गांव का राहुल साहू, लगभग 11 साल, पिता लाला साहू रोज की तरह दोपहर में घर के पीछे अपनी ही बाड़ी में खेल रहा था। शुक्रवार दोपहर 2 बजे के बाद से उसका कुछ पता नहीं चला है। परिजन भी इस बात से बेखबर थे। पता चला है कि उन्हें इस बारे में तब पता चला, जब घर के ही कुछ लोग बाड़ी की तरफ गए। उस दौरान राहुल के रोने की आवाज आ रही थी। गड्ढे के पास जाकर देखने पर पता चला कि आवाज अंदर से आ रही है। बोरवेल का गड्ढा 80 फीट गहरा है। बताया गया है कि बच्चा मूक- बधिर है और मानसिक रूप से कमजोर है।\

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