चीन ने एक बार फिर सीमा पर बड़ी हिमाकत की है। उसने अरुणाचल प्रदेश की 11 जगहों पर अपना दावा ठोंका है। चीन ने अरुणाचल प्रदेश के लिए ’चीनी, तिब्बती और पिनयिन’ अक्षरों में नामों की तीसरी सूची जारी की है। ग्लोबल टाइम्स ने 11 जगहों की सूची जारी कर इन नामों की घोषणा की है। चीन ने यह हिमाकत ऐसे समय में की है जब जब पिछले हफ्ते ही भारत ने अरुणाचल में ळ20 की बैठक आयोजित की थी।

चीन ने नक्शा भी किया जारी

चीन ने नामों में बदलाव के साथ ही एक नक्शा भी जारी किया है। इसमें अरुणाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों को दक्षिणी तिब्बत में दर्शाया गया है। यही नहीं उसने जो नक्शा जारी किया है उसमें ईटानगर के पास का एक शहर भी शामिल है। यह तीसरी बार है जब चीन ने अरुणाचल प्रदेश में स्थानों का नाम बदला’ है, जिसे वह तिब्बत का दक्षिणी भाग जंगनान कहता है। चीन द्वारा जारी नामों की सूची में पांच पर्वत शिखर, दो भूमि क्षेत्र, दो आवासीय क्षेत्र और दो नदियां शामिल हैं।

भारत के विदेश मंत्रालय ने किया खंडन

विदेश मंत्रालय ने अरुणाचल प्रदेश में स्थानों का नाम बदलने के चीन के कदम का खंडन किया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने एक बयान में कहा है कि यह पहली बार नहीं है जब चीन ने इस तरह का प्रयास किया है। उन्होंने कहा है कि भारत इसे सिरे से खारिज करता है।

श्री बागची ने जोर देकर कहा कि अरुणाचल प्रदेश देश का अभिन्न और अविभाज्‍य हिस्सा है तथा नए-नए नाम गढ़ने के प्रयास इस वास्तविकता को नहीं बदल सकते। यह प्रतिक्रिया मीडिया की उन खबरों के मद्देनजर आई है जिनमें कहा गया है कि चीन ने अरुणाचल प्रदेश में 11 स्थानों का नाम बदल दिया है।

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