कोल इंडिया लिमिटेड (CIL) ने वित्त वर्ष 2023- 24 के दौरान ई-नीलामी के तहत प्रस्तावित कोयले की मात्रा की रूपरेखा तैयार करते हुए एक कैलेंडर जारी किया है। कंपनी 97.43 मिलियन टन (MT) कोयला बेचने की योजना बना रही है, जो पिछले साल की पेशकश 53.91 एमटी से लगभग 81 फीसदी अधिक है, जिसमें से 52.88 फीसदी बुक किया गया था।

नीति दिशानिर्देशों के अनुसार सीआईएल अपने वार्षिक उत्पादन का 10 फीसदी प्रतिस्पर्धी बोली के आधार पर नियमित ई-नीलामी के माध्यम से बिक्री के लिए निर्धारित करती है, जबकि अधिकांश बिक्री ईंधन आपूर्ति समझौते (एफएसए) के तहत निश्चित मूल्य अनुबंधों के माध्यम से की जाती है।

हालांकि, कंपनी उपलब्धता के आधार पर कोयले की पेशकश को विनियमित करके इस मानदंड को तोड़ रही है। इस वर्ष, इसने आपूर्ति पक्ष में सुधार के मद्देनजर 780 मिलियन टन के अनुमानित उत्पादन के आधार पर ई-नीलामी के लिए वास्तविक मानदंड से अधिक मात्रा आबंटित की है।

नीलामी कैलेंडर इस बात पर प्रकाश डालता है कि सीआईएल ने पहली तिमाही (अप्रेल-जून) में 21.86 मिलियन टन कोयले की पेशकश की है, जो कि बीते साल की अवधि की तुलना में 115 फीसदी अधिक है। शेष 75.56 मिलियन टन अंतिम नौ महीनों के दौरान चरणों में बेचा जाएगा।

मानसून के दौरान आपूर्ति में संभावित व्यवधान के कारण जून के मुकाबले जुलाई- अगस्त में पेशकश में कमी का भी संकेत मिला है। तब प्रस्तावित मात्रा उत्पादन में वृद्धि के साथ मासिक आधार पर उत्तरोत्तर बढ़ती है, मार्च में कुल टन भार चरम पर होता है।

सरकार ने वित्तीय वर्ष 2023- 24 में 1,012 एमटी का कोयला उत्पादन लक्ष्य रखा है। इसमें से सीआईएल की हिस्सेदारी 780 मिलियन टन तय की गई है, जबकि सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी लिमिटेड (एससीसीएल) द्वारा 70 मिलियन टन का योगदान देने की उम्मीद है। 162 मिलियन टन की शेष मात्रा कैप्टिव और वाणिज्यिक खनिकों से आने की उम्मीद है।

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