रायपुर, 30 जुलाई। मुख्यमंत्री भूपेश ने केन्द्रीय कोयला एवं खान मंत्री प्रल्हाद जोशी को पत्र लिखकर छत्तीसगढ़ के स्टील उद्योगों को उनकी आवश्यकतानुसार कोयला आपूर्ति करने एसईसीएल को निर्देशित करने का किया अनुरोध किया है।

मुख्यमंत्री भूपेष बघेल ने पत्र में यह लिखा है :

छत्तीसगढ़ राज्य में प्रति वर्ष 15 करोड़ टन से अधिक कोयले का उत्पादन होता है। कोयला उत्पादन में छत्तीसगढ़ का देश में दूसरा स्थान है। राज्य में उत्पादित कोयले का अधिकांश भाग अन्य राज्यों में भेजा जाता है। छत्तीसगढ़ स्टील उत्पादन के क्षेत्र में भी देश के अग्रणी राज्यों में से है। राज्य में अनेक बड़ी स्टील उत्पादक इकाइयों के अलावा सैकड़ों छोटी इकाइयां (MSME) भी हैं लाखों लोगों की जीविका का आधार है।

विगत लगभग 6 महिनों से देश में कोयले का संकट उत्पन्न होने के कारण देश के अन्य भागों में छत्तीसगढ़ राज्य में उत्पादित कोयले को प्राथमिकता के आधार पर रेल मार्ग से भेजने के कारण अनेक महिनों से राज्य की यात्री ट्रेनों का परिचालन बन्द है, जिससे लाखों लोगों को असंख्य कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।

कोयले के संकट के कारण ही राज्य के स्टील उत्पादकों एवं अन्य इकाइयों (पावर प्लान्ट्स छोड़कर) को एसईसीएल द्वारा अगस्त माह से कोयले की आपूर्ति रोकने का निर्णय लिया गया है, जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था पर गंभीर संकट उत्पन्न हो जायेगा। पावर प्लांट को छोड़कर अन्य सभी इकाइयों में तालेबंदी की स्थिति बन जायेगी।

राज्य के स्टील निर्माताओं को वर्तमान में 60 लाख टन कोयला प्रतिमाह एसईसीएल द्वारा दिया जा रहा है, जबकि उनकी मासिक आवश्यकता लगभग 1.50 करोड़ टन है। आप सहमत होंगे कि देश के अग्रणी कोयला उत्पादक राज्य को उसके लघु उद्योगों को कोयले की आपूर्ति न किया जाना अत्यन्त दुर्भाग्यजनक निर्णय होगा। अनुरोध है कि राज्य के स्टील उत्पादकों की आवश्यकता अनुसार कोयले की आपूर्ति निर्बाध जारी रखने का निर्देश एसईसीएल के अधिकारियों को देने का कष्ट करें ताकि राज्य में गंभीर आर्थिक संकट उत्पन्न होने को रोका जा सके।

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