नई दिल्ली, 03 जुलाई। केन्द्रीय कोयला एवं खान मंत्री प्रल्हाद जोशी छह दिनों की ऑस्ट्रेलिया की आधिकारिक यात्रा पर हैं। वे भारत- ऑस्ट्रेलिया खनन पर द्विपक्षीय वार्ता में शामिल होंगे। श्री जोशी ऑस्ट्रेलिया में लीथियम और कोबाल्ट परियोजनाओं में संयुक्त निवेश की योजनाओं पर विशेष रूप से ध्यान केन्द्रित करेंगे।

श्री जोशी के छह दिवसीय ऑस्ट्रेलिया की यात्रा शुरू होने के साथ भारत अपने ऊर्जा के स्वच्छ स्रोतों को अपनाने के व्यापक मिशन के तहत सुरक्षित, मजबूत और व्यावसायिक रूप से व्यवहार्य सामरिक से महत्वपूर्ण खनिजों के विकास की अपनी महत्वाकांक्षा को साकार करने के एक कदम नजदीक पहुंच गया है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत-ऑस्ट्रेलिया द्विपक्षीय संबंधों को नए मुकाम पर लाने पर खासा जोर दिया है, जिससे दोनों देशों के बीच विभिन्न क्षेत्रों विशेष रूप से महत्वपूर्ण खनिजों, कोयला, खनन, रक्षा, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा, नई प्रौद्योगिकियों, कृषि अनुसंधान और साइबर सुरक्षा में व्यापक सहयोग के लिए मार्ग प्रशस्त होगा। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में, भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच संबंधों में मजबूती के साथ भारत स्थायी रूप से स्वच्छ ऊर्जा महत्वाकांक्षाओं को हासिल करने की दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रतिबद्ध है।

यह यात्रा इसलिए भी अहम है, क्योंकि एंथनी अल्बानीज सरकार बनने के बाद मंत्री प्रह्लाद जोशी और मैडालीन किंग की यह पहली बैठक हो रही है।

ऑस्ट्रेलिया सरकार के कई मंत्रियों और अधिकारियों तथा ऑस्ट्रेलिया में उद्योग संगठनों और संस्थानों के साथ कई बैठक प्रस्तावित हैं। श्री प्रह्लाद जोशी वहां पर रिसोर्सेज एंड नॉर्दर्न ऑस्ट्रेलिया मिनिस्टर मैडालीन किंग, मिनिस्टर बिल जॉन्सटन एमएलए, मिनिस्टर फॉर माइंस एंड पेट्रोलियम, एनर्जी, करेक्टिव सर्विसेज एंड इंडस्ट्रियल रिलेशंस के साथ बैठक करेंगे, वहीं श्री पॉल टूले, डिप्टी मिनिस्टर, मिनिस्टर फॉर रीजनल न्यू साउथ वेल्स और मिनिस्टर फॉर पुलिस के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के साथ एक बैठक करेंगे।

श्री जोशी ने खनिज के लिहाज से संपन्न तिआंकी लिथियम क्विनाना और ग्रीनबुशेस माइन का भ्रमण करेंगे।

भ्रमण के दौरान, श्री जोशी का लक्ष्य खान मंत्रालय के तहत आने वाले तीन सीपीएसई का एक संयुक्त उपक्रम और खनिज बिदेश इंडिया लिमिटेड (केएबीआईएल) और क्रिटिकल मिनरल्स फैसिलिटेशन ऑफिस (सीएमएफओ), ऑस्ट्रेलिया सरकार के बीच एमओयू के लिए आधार तैयार करना है, जिसका उद्देश्य द्विपक्षीय व्यापार संबंधों को मजबूती देना और सुरक्षित, मजबूत और व्यावसायिक रूप से व्यवहार्य अहम खनिजों की आपूर्ति श्रृंखलाएं की साझा महत्वाकांक्षा पूरी करने के लिए मार्ग प्रशस्त करना है।

भारत-ऑस्ट्रेलिया महत्वपूर्ण खनिज निवेश भागीदारी के माध्यम से ऑस्ट्रेलिया में व्यवहार्य लिथियम और कोबाल्ट परियोजनाओं के लिए निवेश करने का प्रस्ताव है, जो भारत की स्वच्छ ऊर्जा महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने के लिहाज से महत्वपूर्ण है। ये कदम भारत की ई-मोबिलिटी पहलों और अन्य विविध क्षेत्रों के लिए खनिज सुरक्षा के पूरक होंगे, जिनमें महत्वपूर्ण और सामरिक खनिजों का उपयोग होता है।

खान एवं खनिज क्षेत्र में ऐतिहासिक सुधारों को रेखांकित करने के अलावा, श्री जोशी अपनी यात्रा के दौरान भारतीय मूल के लोगों को भी संबोधित करेंगे।

श्री जोशी ने ऑस्ट्रेलिया के लिए प्रस्थान से पहले उम्मीद जताई है कि इस यात्रा से भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच दोस्ती और भी बेहतर होगी।

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