केंद्रीय कोयला, खान और संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने आज नई दिल्ली में कोयला मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक बैठक में वाणिज्यिक और कैप्टिव खदानों के माध्यम से होने वाले कोयला उत्पादन प्रदर्शन की समीक्षा की। एक ट्वीट संदेश में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कैप्टिव और वाणिज्यिक कोयला खदानों से कोयला उत्पादन में वृद्धि हुई है।

उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में कोयला उत्पादन में लगातार वृद्धि हो रही है और पिछले छह वर्षों के दौरान कोयला उत्पादन में 216 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। आज की बैठक में श्री जोशी ने वाणिज्यिक और कैप्टिव खदानों से इस वित्तीय वर्ष में कोयला उत्पादन को 39 प्रतिशत तक बढ़ाने के तरीकों पर विचार-विमर्श किया। केंद्रीय मंत्री महोदय ने भूमिगत कोयला खदानों से उत्पादन की भी समीक्षा की और 100 मिलियन टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य हासिल करने के लिए भूमिगत कोयला खदान मिशन योजना पर बल दिया।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जून 2020 में, सीएम (एसपी) अधिनियम 2015/एमएमडीआर अधिनियम 1957 के अंतर्गत वाणिज्यिक कोयला खदानों की पहली नीलामी शुरू की। अब तक, वाणिज्यिक कोयला खदानों की नीलामी के छह चरण पूरे हो चुके हैं और कुल 218.9 मिलियन टन प्रति वर्ष (एमटीपीए) की कुल वार्षिक उत्पादन क्षमता वाली 86 कोयला खदानों की सफलतापूर्वक नीलामी की गई है। कुल 98 खदानों की पेशकश के लिए वाणिज्यिक कोयला खदानों की नीलामी का सातवाँ चरण प्रगति पर है।

वाणिज्यिक कोयला खदान की नीलामी शुरू होने से पहले, कोयला खदान के संचालन की औसत अवधि लगभग पांच वर्ष थी। हालांकि, वाणिज्यिक नीलामी के बाद कोयला खदान के संचालन की औसत अवधि बहुत अधिक कम हो गई है और इसका परिणाम पहले से ही वाणिज्यिक खदानों के उत्पादन के योगदान के साथ देखा जा रहा है। पहली वाणिज्यिक कोयला खदान ने अपने आवंटन के एक वर्ष के भीतर उत्पादन शुरू कर दिया था।

वित्तीय वर्ष 2021-22 में वाणिज्यिक कोयला खदानों से कोयला उत्पादन 1.15 मिलियन टन (एमटी) और वित्तीय वर्ष 2022-23 में 7.12 एमटी था, जिसमें चार वाणिज्यिक कोयला ब्लॉक यानी सुलियारी, गारेपाल्मा IV/1, गारेपाल्मा IV/7 और गोटिटोरिया खदान शामिल थीं। यह आशा की जाती है कि वित्त वर्ष 2023-24 में 12.2 मिलियन टन (एमटी) के अपेक्षित कोयला उत्पादन के साथ अतिरिक्त छह व्यावसायिक रूप से नीलाम की गई कोयला खदानों के चालू होने की संभावना है।

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