DMF
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डिस्ट्रिक्ट मिनरल फाउंडेशन (District Mineral Foundation) 23 राज्यों/केन्द्र-शासित प्रदेशों के 644 जिलों में स्थापित किए गए हैं, जहां डीएमएफ संबंधी नियम लागू हैं। देश के सत्रह राज्यों/केन्द्र-शासित प्रदेशों ने इस साल अगस्त तक सभी जिलों में डीएमएफ का गठन कर लिया है। जिलों में डीएमएफ का गठन करने वाले राज्य हैं: आंध्र प्रदेश, बिहार, हिमाचल प्रदेश, केरल, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, छत्तीसगढ़, झारखंड, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, ओडिशा, राजस्थान, गोवा, असम और जम्मू एवं कश्मीर।

खान मंत्रालय के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, डीएमएफ के तहत कुल 82370.79 करोड़ रुपये की धनराशि एकत्रित की गई है और उपयोग की गई कुल धनराशि 45150.21 करोड़ (अगस्त, 2023) रुपये है। डीएमएफ के तहत उच्च प्राथमिकता वाले कार्य (60 प्रतिशत) शिक्षा, पेयजल आपूर्ति, स्वास्थ्य, महिलाओं एवं बच्चों के कल्याण, पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण के उपाय, कौशल विकास, स्वच्छता आदि जैसे क्षेत्रों पर केन्द्रित हैं। वहीं, अन्य प्राथमिकता वाले कार्य के तहत (40 प्रतिशत), परियोजनाएं मुख्य रूप से भौतिक बुनियादी ढांचे, सिंचाई, ऊर्जा, वाटर शेड के विकास आदि जैसे क्षेत्रों से संबंधित हैं।

पिछले साल जून में खान मंत्रालय द्वारा जारी एक आदेश के माध्यम से, विभिन्न राज्य सरकारों /केन्द्र-शासित प्रदेशों को पांच साल की अवधि में डीएमएफ में उपलब्ध वर्तमान शेष राशि और संभावित संग्रहण को ध्यान में रखते हुए पांच साल की परिप्रेक्ष्य योजना तैयार करने का निर्देश दिया गया था। ये योजनाएं विश्वविद्यालयों/प्रसिद्ध संगठनों/एजेंसियों या किसी विभाग द्वारा किए गए आधारभूत सर्वेक्षण या मूल्यांकन के माध्यम से पहचाने गए निष्कर्षों और अंतरालों पर आधारित होंगी। अप्रैल, 2021 में केन्द्र ने व्यापक जनहित को ध्यान में रखते हुए राज्यों को डीएमएफ की गवर्निंग काउंसिल में सांसदों, विधायकों और विधान परिषद के सदस्यों (एमएलसी) को शामिल करने का आदेश जारी किया। इसके अलावा, उसी वर्ष जुलाई में यह सुनिश्चित करने के लिए एक और आदेश जारी किया गया है कि डीएमएफ के तहत उपलब्ध धनराशि को खान और खनिज (विकास और विनियमन) अधिनियम के तहत निर्धारित उद्देश्यों के अलावा किसी अन्य फंड या उद्देश्यों के लिए हस्तांतरित / खर्च नहीं किया जाएगा।

एक गैर-लाभकारी संस्था के रूप में काम करने वाले डीएमएफ का उद्देश्य खनन से संबंधित गतिविधियों से प्रभावित व्यक्तियों और क्षेत्रों के हितों एवं लाभ के लिए राज्य सरकार द्वारा निर्धारित तरीके से काम करना है। सरकार ने खनन प्रभावित व्यक्तियों की स्थिति में सुधार लाने और सभी हितधारकों के लिए लाभकारी स्थिति बनाने हेतु संबंधित क्षेत्रों के डीएमएफ द्वारा कार्यान्वित की जाने वाली प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना (पीएमकेकेकेवाई) का शुभारंभ किया।

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