DSPM
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कोरबा, 05 अप्रेल। किसी भी विद्युत संयंत्र के लिए प्लांट लोड फैक्टर (PLF) बहुत मायने रखता है। बेहतर पीएलएफ के परिणामस्वरूप प्रति यूनिट ऊर्जा की लागत कम होती है। इधर, खत्म हुए वित्तीय वर्ष 2023- 24 में छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत उत्पादन कंपनी का डीएसपीएम (DSPM) संयंत्र सर्वाधिक पीएलएफ अर्जित करने वाले देश के टॉप तीन पॉवर प्लांट में सम्मिलित हुआ है।

छत्तीसगढ़ राज्य सरकार की पॉवर कंपनी (CGSPGCL) के डीएसपीएम संयंत्र की क्षमता 500 मेगावाट है। यह संयंत्र कोरबा जिले में स्थित है। वित्तीय वर्ष 2023- 24 में डीएसपीएम ने 92.73 प्रतिशत पीएलएफ अर्जित कर पूरे देश में तीसरा स्थान बनाया है। पीएलएफ के मामले में डीएसपीएम से आगे दो संयंत्र हैं।

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पूरे देश में टॉप पर मध्यप्रदेश राज्य सरकार का अमरकंटक विस्तार थर्मल पॉवर स्टेशन है। 210 मेगावाट क्षमता वाले इस संयंत्र ने सर्वाधिक 97.80 प्रतिशत पीएलएफ अर्जित किया है। दूसरे नम्बर पर मध्यप्रदेश में ही स्थित निजी क्षे़त्र के सासन अल्ट्रा मेगा पॉवर प्लांट रहा है। रिलायंस समूह के 3960 मेगावाट क्षमता वाले इस संयंत्र ने 93.52 प्रतिशत पीएलएफ अर्जित किया है।

सीजी पॉवर कंपनी देश में टॉप पर

छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत उत्पादन कंपनी तीन संयंत्रों की कुल क्षमता 2840 मेगावाट है। वित्तीय वर्ष 2023- 24 में कंपनी ने 18200 मिलियन यूनिट के लक्ष्य के मुकाबले 21068.13 मिलियन यूनिट बिजली उत्पादन किया। कंपनी का औसत प्लांट लोड फैक्टर 84.45 प्रतिशत रहा। यह पीएलएफ देश में स्थित 33 स्टेट सेक्टर की पॉवर कंपनियों में सर्वाधिक है। यानी छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत उत्पादन कंपनी ने पीएलएफ के मामले में देश में टॉप किया।

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क्या है प्लांट लोड फैक्टर

लोड फैक्टर को किसी निश्चित अवधि के औसत लोड और उस अवधि में होने वाली अधिकतम मांग (पीक लोड) के अनुपात के रूप में परिभाषित किया जाता है। दूसरे शब्दों में, लोड फैक्टर घंटों की एक निश्चित अवधि में खपत की गई ऊर्जा और उस विशेष अवधि के दौरान होने वाले चरम लोड का अनुपात है।

लोड फैक्टर का मतलब है कि हम कितनी कुशलता से ऊर्जा का उपयोग करते हैं। यह किसी निश्चित अवधि के दौरान विद्युत ऊर्जा के उपयोग से लेकर उस अवधि में उपयोग की गई अधिकतम ऊर्जा तक का माप है। लोड फैक्टर प्रति यूनिट उत्पादन की लागत (kWh) में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। लोड फैक्टर जितना अधिक होगा, समान अधिकतम मांगों के लिए उत्पादन लागत उतनी ही कम होगी।

 

ऊर्जा के संबंध में लोड फैक्टर, दिनों, सप्ताहों, महीनों या वर्षों में घंटों की संख्या के आधार पर हम विभिन्न लोड कारकों को परिभाषित करते हैं। दैनिक लोड फैक्टर के लिए, अवधि टी को 24 घंटे के रूप में लिया जाता है। इसी प्रकार, सप्ताहों, महीनों और वर्षों के लिए T का अलग-अलग मान लिया जाता है।

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