EPFO के पीएफ पर ब्याज घटाने पर कर्मचारियों को इतना होगा नुकसान

EPFO यानी एंप्लॉयी प्रोविडेंट ऑर्गेनाजेशन ने बीते शनिवार को PF पर मिलने वाला ब्याज तय कर दिया, जो पिछले 40 साल से सबसे कम है। EPFO ने फिस्कल ईयर 2021-2022 के लिए ब्याज दर 8.1% तय किया है।

EPFO यानी एंप्लॉयी प्रोविडेंट ऑर्गेनाजेशन ने बीते शनिवार को PF पर मिलने वाला ब्याज तय कर दिया, जो पिछले 40 साल से सबसे कम है। EPFO ने फिस्कल ईयर 2021-2022 के लिए ब्याज दर 8.1% तय किया है।

सरकार के इस फैसले से EPFO के करीब 6 करोड़ लोगों को झटका लगा है। पिछले फिस्कल ईयर में PF पर 8.5% ब्याज मिल रहा था। आइए जनते हैं कि 0.40 फीसदी कम ब्याज से आपको कितना नुकसान होने वाला है। यहां जाने पूरा कैलकुलेशन…

एक तरफ महंगाई लगातार बढ़ती जा रही है। दूसरी तरफ सरकार ने PF पर मिलने वाला ब्याज घटा दिया है। फिस्कल ईयर 1977-78 में EPFO ने 8% ब्याज दर तय किया था। उसके बाद अब यानी पूरे 40 साल के बाद जाकर इतना कम ब्याज मिल रहा है। अभी तक 8.25% या इससे ज्यादा ब्याज मिला था।

इसके पहले कितना मिलता था ब्याज?

रिटायरमेंट फंड बॉडी EPFO ने फिस्कल ईयर 2019-2020 में 8.5% ब्याज दिया था। उसके बाद फिस्कल ईयर 2020-2021 में भी 8.5% ही ब्याज मिला था। जबकि 2018-19 में EPFO ने 8.65% ब्याज दिया था। फिस्कल ईयर 2017-18 में 8.55% ब्याज मिला। फिसक्ल ईयर 2016-17 में 8.65% ब्याज मिला और फिस्कल ईयर 2015-16 में 8.8% ब्याज मिला था।

इतना होगा नुकसान

एक कर्मचारी की बेसिक सैलरी के 12% हिस्सा आपके पीएफ खाते में जमा होता है जो आपकी सैलरी से काटा जाता है। कंपनी के 12% कंट्रीब्यूशन में से 3.67% कर्मचारी पेंशन खाते में जाता है। बाकी का 8.33 फीसदी कंपनी का हिस्सा पीएफ खाते में जाता है।

ये है पूरा कैलकुलेशन

बेसिक सैलरी = 15,000 रुपये

EPF में कर्मचारी का योगदान= 15,000 का 12% = 1,800 रुपये

EPF में कंपनी का योगदान = 15,000 का 8.33% =1,250 रुपये

EPF में कंपनी का योगदान= 1,800 रुपये-1,250 रुपये = 550 रुपये

हर महीने कुल ईपीएफ योगदान = ₹1,800 + ₹550 = 2,350 रुपये

2021-22 के लिए ब्याज दर 8.1% है। इस हिसाब से हर महीने ब्याज 8.10% का 12 महीने के हिसाब से एक महीने का ब्याज = 0.675% मिलेगा। जो पहले 8.5% के हिसाब से 0.7083% मिलता था।

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