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नई दिल्ली, 21 दिसम्बर। 20 दिसंबर को ईपीएफओ के जारी अनंतिम पेरोल डेटा में बताया गया कि ईपीएफओ ने अक्टूबर, 2022 में 12.94 लाख सदस्य जोड़े हैं। यह आंकड़ा पिछले वर्ष की समान अवधि यानी अक्टूबर, 2021 की तुलना में 21,026 अधिक है। इन आंकड़ों के अनुसार लगभग 2,282 नए प्रतिष्ठानों ने कर्मचारी भविष्य निधि और विविध प्रावधान कानून, 1952 के तहत अपने कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अनुपालन शुरू कर दिया है।

अक्टूबर के दौरान जोड़े गए कुल 12.94 लाख सदस्यों में से लगभग 7.28 लाख नए सदस्य पहली बार ईपीएफओ के सामाजिक सुरक्षा के दायरे में आए हैं। नए सदस्यों में 2.19 लाख सदस्यों के साथ 18-21 वर्ष के आयु वर्ग के लोगों की संख्‍या सबसे अधिक थी। इसके बाद 1.97 लाख सदस्‍य 22-25 वर्ष की आयु वर्ग के थे। वहीं, शामिल किए गए कुल सदस्यों में से लगभग 57.25 फीसदी 18-25 वर्ष के आयु वर्ग के हैं।

अक्टूबर के दौरान, लगभग 5.66 लाख सदस्य ईपीएफओ से बाहर निकल गए, लेकिन ईपीएफओ द्वारा कवर किए गए प्रतिष्ठानों के भीतर अपनी नौकरी बदलकर ईपीएफओ में फिर से शामिल हो गए और अंतिम निपटान का विकल्प चुनने की जगह अपने फंड को पिछले पीएफ खाते से चालू खाते में स्थानांतरित करने का विकल्प चुना।

पेरोल डेटा के लिंग-वार विश्लेषण से संकेत मिलता है कि अक्टूबर, 2022 में कुल 2.63 लाख महिला सदस्यों को जोड़ा गया है। इसमें से 1.91 लाख महिलाएं पहली बार ईपीएफओ में शामिल हुई हैं, जो महीने के दौरान महिला सदस्यों की संख्या में बढ़ोतरी का लगभग 72.73 फीसदी है। राज्य-वार पेरोल के आंकड़े रेखांकित करते हैं कि सदस्यों को शामिल करने के मामले में केरल, मध्य प्रदेश, झारखंड आदि राज्यों में महीने-दर-महीने बढ़ोतरी देखी गई है।

अक्टूबर के दौरान शुद्ध पेरोल बढ़ोतरी के मामले में शीर्ष पांच राज्यों की सभी आयु समूहों के बीच कुल पेरोल बढ़ोतरी में लगभग 60.15 फीसदी हिस्सेदारी है। अक्टूबर के दौरान महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, दिल्ली और हरियाणा ने लगभग 7.78 लाख सदस्यों को जोड़ा है।

उद्योग-वार पेरोल डेटा का वर्गीकरण इसको दिखता है कि महीने के दौरान मुख्य रूप से दो श्रेणियों यानी ‘विशेषज्ञ सेवाएं’ (श्रमशक्ति एजेंसियां, निजी सुरक्षा एजेंसियां और छोटे ठेकेदारों आदि शामिल हैं) और ‘व्यापारिक-वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों’ की कुल सदस्य बढ़ोतरी में 48 फीसदी हिस्सेदारी है। पिछले महीने के उद्योग-वार आंकड़ों की तुलना करने पर पता चलता है कि ‘समाचार पत्र प्रतिष्ठान’, ‘चीनी’, ‘राइस मिलिंग’ आदि उद्योगों में अधिक सदस्यों को शामिल किया गया है।

चूंकि डेटा जनरेशन एक निरंतर किए जाने वाला अभ्यास है, इसलिए पेरोल डेटा अनंतिम है। इसे देखते हुए कर्मचारी रिकॉर्ड को अपडेट करना एक सतत प्रक्रिया है। पिछले डेटा को हर महीने अपडेट किया जाता है।

अप्रैल, 2018 से ईपीएफओ अक्टूबर, 2017 के बाद की अवधि को कवर करते हुए पेरोल डेटा जारी कर रहा है। आधार सत्यापित सार्वभौमिक खाता संख्या (यूएएन) को पहली बार ईपीएफओ में शामिल होने वाले सदस्यों, ईपीएफओ के कवरेज से बाहर निकलने वाले मौजूदा सदस्यों और सदस्यों के रूप में फिर से शामिल होने वालों की संख्या को शुद्ध मासिक पेरोल के डेटा को प्राप्त करने के लिए उपयोग किया जाता है।

ईपीएफओ, कर्मचारी भविष्य निधि और विविध प्रावधान अधिनियम- 1952 के दायरे में आने वाले देश के संगठित कार्यबल को भविष्य, पेंशन और बीमा निधि के रूप में सामाजिक सुरक्षा का लाभ प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।

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