42 साल से अनफिट कोयला कामगारों को मिल रही सुविधा को रोका, 3 साल से श्रमिक नेता चुप क्यों राष्ट्रीय खान मजदूर फेडरेशन के उपाध्यक्ष झा ने उठाया मामला

राष्ट्रीय खान मजदूर फेडरेशन के उपाध्यक्ष एके झा ने मीडिया को जारी बयान में बताया कि फरवरी 2018 से भारत के तत्कालीन कोयला मंत्री ने वर्ष 1979 से चले आ रहे मेडिकल अनफिट कामगारों के बच्चे की नौकरी के प्रावधान को इंटरनल आदेश द्वारा रोक दिया है।

राष्ट्रीय खान मजदूर फेडरेशन के उपाध्यक्ष एके झा ने मीडिया को जारी बयान में बताया कि फरवरी 2018 से भारत के तत्कालीन कोयला मंत्री ने वर्ष 1979 से चले आ रहे मेडिकल अनफिट कामगारों के बच्चे की नौकरी के प्रावधान को इंटरनल आदेश द्वारा रोक दिया है।

यह दुखद और आश्चर्य है कि कोयला मंत्री ने इस संबंध में संसदीय सलाहकार समिति के सदस्यों से भी राय नहीं ली और ना तो नेशनल कोल वेज एग्रीमेंट के प्रतिनिधियों को इस फैसले में शामिल किया। एक तरफा फैसला लागू करने का निर्देश जारी किया और इसकी सूचना वेज बोर्ड में बैठने वाले मजदूर नेताओं को मौखिक रूप से और लिखित रूप से दे दी।

श्री झा ने कहा कि सवाल करते हुए कहा कि इस पर मजदूर प्रतिनिधि क्यों चुप रहे? यह बात आज तक समझ में ना आई और ना तो कोयला मजदूरों के सामने उन्होने अपनी स्थिति को संवाद के द्वारा स्पष्ट करने का कोई ईमानदार प्रयास किया।

इंटक नेता ने कहा कि वर्तमान में 5000 से अधिक मेडिकली अनफिट कामगार अपने बच्चों की नौकरी के लिए दर-दर भटक रहा है। जेबीसीसीआई सदस्यों के पास, कोल इंडिया चेयरमैन के पास, विभिन्न कंपनियों के सीएमडी को लगातार नम्रता पूर्वक अपना आवेदन कर रहा है, लेकिन इसकी सुनवाई नहीं हो रही है। श्री झा ने कहा कि इस दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति को रोकने के लिए भारतीय मजदूर संघ को सरकार पर दबाव डालना चाहिए था। पिछले 42 वर्ष के प्राप्त सुविधा को बचाने का हर संभव प्रयास करना चाहिए था।

श्री झा ने कहा कि राष्ट्रीय खान मजदूर फेडरेशन राष्ट्रीय अध्यक्ष ने इस सवाल पर कोयला मंत्री, कानून मंत्री, श्रम मंत्री, कोयला सचिव, कोल इंडिया चेयरमैन से लगातार बात की है। पत्र लिखा है और उनसे आग्रह किया है कि वह अपने इस निर्णय पर पुनर्विचार करें और 10वें वेज बोर्ड में जो भी प्रभावित मजदूर हैं, उनके बच्चों को नियोजित कराने के लिए तुरंत कार्रवाई करें।

श्री झा ने कहा कि इस संबंध में फेडरेशन के अध्यक्ष कुमार जय मंगल (अनूप सिंह) विधायक ने वर्तमान श्रम मंत्री को फिर पत्र लिखा है। कोयला के संसदीय सलाहकार समिति के सभी सांसदों से आग्रह किया है कि कोयला मंत्री से बात करें और कोयला मजदूर परिवार को पिछले 42 वर्ष से मेडिकल अनफिट के प्राप्त नियोजन के अधिकार को पूर्ववत बहाल कराएं।

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