नई दिल्ली, 06 जुलाई: सरकार के आमंत्रण पर NPS कमेटी के साथ एक बार फिर JCM स्टाफ साइड की महत्वपूर्ण बैठक हुई , जिसमें सेक्रेटरी शिवगोपाल मिश्रा ने दोहराया कि पुरानी पेंशन की बहाली से कम पर सरकारी कर्मचारी मानने वाले नही है। सरकार इस मामले में कितनी गंभीर है कि, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उसने अपना न कोई प्रस्ताव ही बैठक में नही रखा।

बैठक में सबसे पहले JCM स्टाफ साइड के सेक्रेटरी शिवगोपाल मिश्रा ने अपनी बात को रखा। श्री मिश्रा ने कहाकि सरकारी कर्मचारियों के रुख में फिलहाल कोई बदलाव नहीं आया है। चूंकि NPS के तहत जो लोग सेवानिवृत्त हो रहे है, उन्हें 2000 से 3000 रुपये पेंशन के नाम पर दिया जा है। ये कहीं से भी उचित नही है। इसे लेकर सरकारी कर्मचारियों में भारी आक्रोश है।

यही वजह है कि हम सभी चाहते हैं कि पुरानी पेंशन योजना (OPS) में बिना कोई फेरबदल किए इसे मूल स्वरूप में ही बहाल किया जाए, ताकि सरकारी कर्मचारी सेवानिवृत्त के बाद भी एक सम्मानजनक जीवन यापन कर सके। सेक्रेटरी श्री मिश्रा ने कहाकि हम एनपीएस में किसी तरह का बदलाव नहीं चाहते और हमें पुरानी पेंशन बहाली से कम कुछ भी मंजूर नहीं है।

माना जा रहा था कि JCM स्टाफ साइड सेक्रेटरी बात सुनने के बाद एनपीएस कमेटी की ओर से कोई बात या प्रस्ताव रखा जाएगा, लेकिन ऐसा नही हुआ। वो जेसीएम स्टाफ साइड के नेताओं को ही सुनते रहे, कमेटी ने न कोई प्रस्ताव दिया और न ही बैठक में अपना कोई पक्ष ही रखा।

इस बैठक में AIRF की ओर से अध्यक्ष डॉ एन कन्हैया, कार्यकारी अध्यक्ष जे आर भोसले और कोषाध्यक्ष शंकरराव शामिल रहे।

इस बैठक से पूर्व जेसीएम ऑफिस में JCM स्टाफ साइड के नेताओं की बैठक हुई। जिसमें मुख्यरूप से एनपीएस कमेटी के सामने रखे जाने वाली बात पर चर्चा की गई। इसमें सभी नेताओं ने एक स्वर में कहा कि फिलहाल हमारी एक ही मांग है, पुरानी पेंशन की बहाली, इसके अलावा हमे कुछ भी मंजूर नही है। बैठक में ये भी कहा गया कि अगर कमेटी किसी तरह का प्रस्ताव रखती है तो हम इस पर बात करने के लिए जेसीएम स्टाफ साइड नेताओं की दोबारा बैठक कर उस पर चर्चा कर लेंगे।

इस बैठक के बाद AIRF महामंत्री शिवगोपाल मिश्रा ने केंद्रीय कर्मियों के साथ ही राज्यकर्मियों और शिक्षकों से कहा कि पुरानी पेंशन बहाली के मामले में सरकार की नीयत साफ नही है, इसलिए हमें अपने आंदोलन को और मजबूत करने की जरूरत है। इसके लिए 10 अगस्त को दिल्ली में प्रस्तावित संसद घेराव और रैली को कामयाब बनाने हमे पूरी ताकत से जुट जाना चाहिए।

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