नई दिल्ली, 29 मार्च। सुपीम कोर्ट द्वारा इंटक के दुबे गुट (चंद्रशेखर दुबे) की विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) खारिज कर दी गई है। अब कानूनी तौर पर इंटक को कोल इंडिया की जेबीसीसीआई में प्रवेश करने से रोकने के रास्ते बंद हो चुके हैं।

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एनसीडब्ल्यूए- XI के तहत गठित जेबीसीसीआई की 9वीं बैठक 18- 19 अप्रेल को प्रस्तावित है। हालांकि अभी सीआईएल प्रबंधन ने बैठक की अधिकारिक सूचना जारी नहीं की है। सीआईएल प्रबंधन भी 29 मार्च का इंतजार कर रहा था। अब स्पष्ट हो चुका है कि 10 फरवरी को जारी कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार इंटक यानी कुमार जयमंगल (अनूप सिंह) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय खान मजदूर फेडरेशन को जेबीसीसीआई में सम्मिलित किया जाना है। जेबीसीसीआई- XI के गठन के समय ही इंटक के लिए स्थान रिक्त रखा गया था। कोल सेक्टर में इंटक दूसरे नम्बर का संगठन है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा एसएलपी को डिसमिस किए गए आदेश की प्रति हाथ में आने के बाद ही सीआईएल प्रबंधन जेबीसीसीआई की 9वीं बैठक के लिए सूचना जारी करेगा।

कुमार जयमंगल (अनूप सिंह) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय खान मजदूर फेडरेशन के जनरल सेक्रेटरी एसक्यू जमा ने जेबीसीसीआई- XI के लिए चार- चार मुख्य एवं वैकल्पिक सदस्यों के नाम सीआईएल को भेज दिए थे। इस बीच इंटक के एक और गुट इंडियन नेशनल माइन वर्कर्स फेडरेशन के महासचिव ललन चौबे ने भी जेबीसीसीआई- XI के लिए दावेदारी ठोकते हुए मुख्य और वैकल्पिक सदस्यों के नामों की सूची सीआईएल को भेज दी थी। कोल इंडिया प्रबंधन ने 6 मार्च को जयमंगल और चौबे, दोनों गुट को जेबीसीसीआई के लिए एक कॉमन सूची देने पत्र लिखा था। इसका जनरल सेक्रेटरी एसक्यू जमा ने कड़ा विरोध किया था। इस दौरान इंटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. जी संजीवा रेड्डी ने सीआईएल प्रबंधन को पत्र भेजकर साफ कर दिया था कि कोल सेक्टर के लिए कुमार जयमंगल (अनूप सिंह) के नेतृत्व वाला राष्ट्रीय खान मजदूर फेडरेशन ही अधिकृत है।

ऐसे में माना जा रहा है कि सीआईएल प्रबंधन एसक्यू जमा द्वारा भेजी गई सूची को जेबीसीसीआई में सम्मिलित करेगा।
जेबीसीसीआई के लिए एसक्यू जमा ने ये नाम भेजे हैं :

मुख्य सदस्य : कुमार जयमंगल, एसक्यू जमा, सौभाग्य प्रधान, बी जनक प्रसाद
वैकल्पिक सदस्य : एके झा, चंडी बनर्जी, बिरेन्द्र सिंह बिष्ट, गोपाल नारायाण सिंह

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इंटक के नहीं रहने से कामगारों के हितो पर हुआ कुठाराघात : जमा

एसक्यू जमा ने industrialpunch.com से चर्चा करते हुए कहा कि इंटक की यह बड़ी जीत है। राजनीतिक तौर पर इंटक को कोल इंडिया की समितियों में आने से रोका गया। जेबीसीसीआई कोयला उद्योग के लाखों कामगारों के हित में आवाज उठाने और उन्हें लाभ दिलाने का सबसे बड़ा मंच है। यहां इंटक के नहीं रहने से कामगारों के हितों पर कुठाराघात हो रहा था। यदि इंटक को जेबीसीसीआई- XI में पहले प्रवेश मिल गया होता तो 19 फीसदी से अधिक एमजीबी पर फैसला होता। श्री जमा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा एसएलपी को खारिज किए जाने के बाद अब सीआईएल प्रबंधन को चाहिए कि वो इंटक को जेबीसीसीआई में स्थान देते हुए शीष्र ही 9वीं बैठक की सूचना निकाले।

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