मेधा पाटकर एवं अन्य ने हरिहरपुर धरना स्थल पर पहुंच कर अपना समर्थन दिया
मेधा पाटकर एवं अन्य ने हरिहरपुर धरना स्थल पर पहुंच कर अपना समर्थन दिया

रायपुर, 29 जून। छत्तीसगढ़ के हसदेव अरण्य क्षेत्र में कोयला खदान के खिलाफ हसदेव अरण्य बचाओ संघर्ष समिति के संघर्ष को देश के 15 राज्यों से विभिन्न जनवादी संगठनों से जुड़े लोगों ने हरिहरपुर धरना स्थल पर पहुंच कर अपना समर्थन दिया।

जन आंदोलनों की नेत्री मेधा पाटकर, पूर्व विधायक और किसान नेता डा सुनिलम, लोरमी के विधायक धर्मजित सिंह आदि ने अपना संबोधन दिया।

हसदेव अरण्य बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक उमेश्वर सिंह देश भर से जुटे लोगों का अभिनंदन किया। रामलाल भई ने हसदेव अरण्य संघर्ष के सभी महत्वपूर्ण पक्षों के बारे में बताया। आंदोलन की सुनीता पोर्ते ने संघर्ष समिति के संकल्प को दोहराते हुए इस आंदोलन में महिलाओं की सोच और भूमिका के बारे में बताया। बाल साय ने गीत के ज़रिए आंदोलन की मूल भावना से आगंतुकों को परिचित कराया।

उत्तरप्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, मध्यप्रदेश, गुजरात, जम्मू-कश्मीर, दिल्ली, बिहार, झारखंड व ओडिषा से आए लोगों ने अपना परिचय दे कर हसदेव अरण्य आंदोलन के प्रति अपना समर्थन जताया।

अनुराधा भार्गव ने मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा में अडानी थर्मल प्लांट के विरूद्ध चले संघर्ष की दास्तान को बयान किया और बताया की किस तरह उन्हें प्रताड़ित किया गया। उन्होंने भरोसा दिलाया की भले ही सरकार व सरकारी संस्थान आपके खिलाफ होगी, पर अंततः जीत जनता की ही होती है।

सर्वहारा जन आंदोलन की नेता उल्का महाजन ने अम्बानी के मुनाफ़े के लिए बनाए जा रहे महा मुंबई सेज के खिलाफ चले संघर्ष के अनुभव सुनाए।

लोक संघर्ष मोर्चा की साथी प्रतिभा शिंदे ने वन अधिकारों के लिए चले लम्बे संघर्ष के बारे में बताया। वहीं, कश्मीर घाटी के तोसा मैदान में फ़ायरिंग रेंज के ख़लिफ़ लम्बे चले संघर्ष और स्थानीय बाशिंदों के जीत के बारे में डा शेख़ ग़ुलाम रसूल ने सभा को बताया और हसदेव के संघर्ष को समर्थन जताया।

लोरमी विधायक धर्मजीत ने अपनी बात रखते हुए अडानी के दलालों से सावधान रहने के लिए चेताया। उन्होंने राहुल गांधी को मदनपुर में किया वादा याद दिलाया।

मेधा पाटकर ने अपने संबोधन में कहा कि छत्तीसगढ़ की जनवादी संघर्ष की परंपरा रही है। वह हसदेव के संघर्ष की जीवटता व प्रतिबद्दहता को प्रणाम करती है। उन्होंने अडानी व उन जैसे पूंजीपतियों को संरक्षण व समर्थन देने वाली सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा की सरकारें अब संविधान और जनता से आंखे फेर चुकी है। पर लोग अब संविधान की रक्षा में खड़े है। उन्होंने कहा कि भूपेश सरकार जनता की उम्मीदों पर खरी नहीं उतर रही है।

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