विद्युत मंत्रालय ने 15,893 करोड़ रुपये की लागत वाली नई आईएसटीएस परियोजनाओं को मंजूरी दी

इन परियोजनाओं को पारेषण पर गठित राष्ट्रीय समिति की सिफारिशों की जांच के बाद और केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचित राष्ट्रीय टैरिफ नीति 2016 के अनुसार अनुमोदित किया गया था, जिसमें प्रावधान है कि आईएसटीएस परियोजना टीबीसीबी के माध्यम से विकसित की जाए।

केंद्रीय विद्युत तथा नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री ने 15,893 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत वाली 23 नई अंतर राज्य पारेषण प्रणाली परियोजनाओं (आईएसटीएस) को मंजूरी दी है। नई आईएसटीएस परियोजनाओं में टैरिफ आधारित प्रतिस्पर्धी बोली (टीबीसीबी) के तहत विकसित की जाने वाली 14,766 रुपये की अनुमानित लागत वाली 13 परियोजनाएं और रेग्युलेटेड टैरिफ मैकेनिज्म (आरटीएम) के तहत विकसित करने हेतु 1127 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत वाली 10 परियोजनाएं शामिल हैं।

नई पारेषण परियोजनाएं अन्य बातों के साथ-साथ राजस्थान में 14 गीगावाट अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं, गुजरात में 4.5 गीगावाट अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं, नीमच सौर पार्क, मध्य प्रदेश में 1 गीगावाट और जम्मू में सियोट सबस्टेशन की स्थापना करके अखनून तथा जम्मू क्षेत्र के निकट वाले क्षेत्रों के लिए पारेषण प्रणाली की सुविधा प्रदान करेंगी। .

इन परियोजनाओं को पारेषण पर गठित राष्ट्रीय समिति की सिफारिशों की जांच के बाद और केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचित राष्ट्रीय टैरिफ नीति 2016 के अनुसार अनुमोदित किया गया था, जिसमें प्रावधान है कि आईएसटीएस परियोजना टीबीसीबी के माध्यम से विकसित की जाए। इनमें कुछ विशेष श्रेणी की परियोजनाएं शामिल नहीं हैं, जो स्वाभाविक रूप से रणनीतिक, तकनीकी-उन्नयन अथवा समयबद्ध हैं।

उपरोक्त पारेषण नेटवर्क के विस्तार से बिजली की अधिकता वाले क्षेत्रों से बिजली की कमी वाले क्षेत्रों में बिजली के निर्बाध पारेषण में वृद्धि होगी और इस प्रकार उत्पादन संसाधनों के उपयोग के साथ-साथ बिना किसी पारेषण बाधाओं के अंतिम उपभोक्ताओं की मांगों को पूरा करने में मदद मिलेगी। यह अक्षय ऊर्जा आधारित क्षमता के विकास में सहायता करेगा।

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