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केंद्र की मोदी सरकार ने कोरोनावायरस आपदा को अपने लिए अवसर में बदल लिया है। केंद्र सरकार ने पिछले साल कोरोना संक्रमण की वजह से बढ़ते दवाब के कारण अपने स्टाफ को दिए जाने वाले डीए-डीआर (dearness allowance (DA) and dearness relief (DR)) की तीन किस्त रोक दी थी। केंद्र सरकार को इसकी वजह से 34,402.32 करोड़ रुपये की बचत हुई है।

लोकसभा में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने लिखित जवाब में यह जानकारी दी है। चौधरी ने कहा कि कोरोना संक्रमण जैसे संकट की वजह से पिछले साल मोदी सरकार ने अपने स्टाफ और पेंशनरों का डीए (DA) और डीआर (DR) रोकने का फैसला किया था।

सरकार के खजाने पर दवाब

कोरोना संकट  की वजह से मोदी सरकार की कमाई कम हो रही थी और सरकार के खजाने पर दबाव बढ़ रहा था। इस वजह से सरकार ने डीए (DA) और डीआर (DR) फ्रीज करने का फैसला किया था। वित्त राज्य मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने डीए को 17 से बढ़ाकर 28 फीसदी कर दिया है। केंद्र सरकार के स्टाफ को 1 जुलाई 2021 से एरियर के साथ डीए (DA) और डीआर (DR) मिलने लगेगा।

सरकार ने बचाए हजारों करोड़ रुपये

केंद्र सरकार ने कोरोना संक्रमण की वजह से 1 जनवरी 2020, 1 जुलाई 2020 और 1 जनवरी 2021 से दिए जाने वाले डीए और डीआर की इंस्टॉलमेंट रोक दी थी। वित्त राज्य मंत्री ने संसद में बताया कि 1 जनवरी 2020 से 30 जून 2021 तक दिए जाने वाले डीए की दर 17 फ़ीसदी रहेगी। चौधरी ने कहा केंद्र सरकार के स्टाफ और पेंशनर के DA/DR की तीन किस्त रोकने की वजह से मोदी सरकार को 34,402.32 करोड़ रुपये की बचत हुई है।

क्या हुआ था फैसला?

एक जनवरी 2020, एक जुलाई 2020 और एक जनवरी 2021 को देय महंगाई भत्ते (DA) और महंगाई राहत (DR) की तीन किस्त पर रोक लगाई गई थी। तीनों किस्त मिलने के बाद कुल डीए बढ़कर 28 फीसदी हो जाएगा जिसमें 1 जनवरी 2020 से फीसदी, 1 जुलाई 2020 से 4 फीसदी और 1 जनवरी 2021 से 4 फीसदी बढ़ोतरी शामिल है। इससे केंद्र सरकार के 50 लाख से अधिक कर्मचारियों और 61 लाख पेंशनर्स को फायदा होगा।

 

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