कोल इंडिया की जेबीसीसीआई में शामिल में होने को लेकर इंटक की गुटबाजी उभर कर फिर सामने आई है। इंटक के तीनों गुट रेड्डी- तिवारी- ददई ने जेबीसीसीआई में प्रतिनिधित्व के लिए दावेदारी ठोकी है। इससे कोयला मंत्रालय और कोल इंडिया प्रबंधन के समक्ष असमंजस की स्थिति निर्मित हो रही है। इधर, असली इंटक की पहचान के लिए कोयला मंत्रालय ने ही पहल की है। प्रभात खबर के अनुसार कोयला मंत्रालय ने श्रम एवं रोजगार मंत्रालय को पत्र लिखकर इंटक की स्थिति स्पष्ट करने कहा है।

यहां बताना होगा कि नेशनल कोल वेज एग्रीमेंट- XI की प्रक्रिया शुरू करने कोयला मंत्रालय ने मंजूरी दे दी है। इसके लिए जेबीसीसीआई- XI का गठन किया जाना है। इसमें केन्द्रीय यूनियन को प्रतिनिधित्व दिया जाता है। कोयला मंत्रालय ने जेबीसीसीआई- XI में इंटक को प्रतिनिधित्व देने को लेकर कोर्ट के आदेश को ध्यान में रखने को कहा है।
गुटबाजी और मामला कोर्ट में जाने के कारण जेबीसीसीआई- X में प्रतिनिधित्व मिलने के बावजूद इंटक को बाहर होना पड़ा था।

कोयला मंत्रालय द्वारा नेशनल कोल वेज एग्रीमेंट- XI की प्रक्रिया शुरू करने की अनुमति देते ही इंटक के केके तिवारी गुट ने सबसे पहले दावेदारी ठोकी। तिवारी गुट ने सीआईएल चेयरमैन को पत्र भेजकर खुद को असली इंटक बताया और रेड्डी व ददई की इंटक को नकली। जेबीसीसीआई में प्रतिनिधित्व के लिए बकायदा चार नाम भी प्रस्तुत किए गए।

डा. जी संजीवा रेड्डी ने भी जेबीसीसीआई- XI में प्रतिनिधित्व देने के लिए सीआईएल चेयरमैन को पत्र लिखा। डा. रेड्डी ने पत्र में बताया है कि कोर्ट में जेबीसीसीआई-X को लेकर लंबित आवेदन एक अगस्त, 2018 को डिस्पोज हो चुके हैं। पटियाला हाउस कोर्ट में केके तिवारी द्वारा दायर याचिका 13 अगस्त, 2018 को डिसमिस हो चुकी है। किसी प्रकार का कोई केस न ही लंबित है और न ही जेबीसीसीआई में शामिल होने को लेकर कोई रोक है। डा. रेड्डी ने बताया है कि उनकी अध्यक्षता वाली इंटक मंत्रालयों की विभिन्न बैठकों में सम्मिलित हो रही है। डा. जी संजीव रेड्डी ने जेबीसीसीआई- XI सहित अन्य समितियों में इंटक को प्रतिनिधित्व देने कहा है। ददई दुबे गुट पीछे कहां रहता। इस गुट ने भी खदु को असली इंटक बताते हुए अपना दावा ठोका है।

बताया गया है कि दिल्ली हाईकोर्ट में एक मामला लंबित है, जो इंटक को जेबीसीसीआई में इंटक की एंट्री में बाधा बन सकता है। अब देखना होगा कि श्रम एवं रोजगार मंत्रालय इस मामले में क्या निर्णय लेता है।

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