प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर्यावरण अनुकूल तरीके से कोयले की आपूर्ति और गुणवत्ता बढ़ाने के दृढ़ संकल्प के साथ कोयला मंत्रालय के अंतर्गत कोल इंडिया लिमिटेड (CIL) की सहायक कंपनी नॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (NCL) की दो महत्वपूर्ण फर्स्ट माइल कनेक्टिविटी परियोजनाओं (FMC) का वर्चुअल रूप से 29 फरवरी को उद्घाटन करेंगे।

नॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड द्वारा संचालित 1393.69 करोड़ रुपये की ये परियोजनाएं कार्बन उत्सर्जन में कमी में योगदान देने वाले तेज, कुशल मशीनीकृत कोयला निकासी की दिशा में उल्लेखनीय कदम हैं।

उद्धाटन की जाने वाली उल्लेखनीय परियोजनाओं में जयंत ओसीपी, सीएचपी-साइलो और दुधिचुआ ओसीपी, सीएचपी-साइलो शामिल हैं। जयंत ओसीपी, सीएचपी-साइलो की क्षमता 15 मिलियन टन प्रति वर्ष (एमटीपीए) है और इसे 723.50 करोड़ रुपये के निवेश के साथ विकसित किया गया है। इसी प्रकार दुधिचुआ ओसीपी सीएचपी-साइलो की वार्षिक क्षमता 10 मिलियन टन है और इसे 670.19 करोड़ रुपये के निवेश से बनाया गया है।

उद्घाटन के बाद ये परियोजनाएं कोयला निकासी प्रक्रियाओं में दक्षता और स्थिरता का नया युग प्रारंभ करेंगी, परिवहन समय और लागत दोनों को कम करेंगी, जिससे समग्र उत्पादकता और लाभप्रदता में वृद्धि होगी। इसके अतिरिक्त ये परियोजनाएं लॉजिस्टिक्स को अधिकतम और कार्बन उत्सर्जन को कम करके गुणवत्ता वाले कोयले के प्रेषण और इसके वितरण के लिए एक हरित और पर्यावरण के प्रति जागरूक दृष्टिकोण में योगदान देंगी।

इन परियोजनाओं का उद्घाटन कोयला मंत्रालय की आधारभूत अवसंरचना विकास और सतत पहलों के प्रति दृढ संकल्प को रेखांकित करता है, जिसका उद्देश्य हरित भविष्य को बढ़ावा देना और भारत की ऊर्जा सुरक्षा में योगदान देना है।

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