नई दिल्ली, 04 जुलाई। प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने आज गांधी नगर के महात्‍मा मंदिर में डिजिटल इंडिया वीक 2022 का उद्घाटन किया। डिजिटल इंडिया वीक का विषय देश को डिजिटल रूप से सशक्त समाज और ज्ञान की अर्थव्यवस्था में बदलने के लिए ‘नए भारत की तकनीक को उत्प्रेरित करना’ है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि 21वीं सदी में जन्म लेने वालों के लिए डिजिटल इंडिया ने जीवन को बहुत आसान बना दिया है।

श्री मोदी ने ‘डिजिटल इंडिया भाषिणी’ का भी शुभारंभ किया। यह देशवासियों को स्थानीय भाषाओं में इंटरनेट और डिजिटल सेवाएं आसानी प्रदान करेंगी। उन्होंने एक राष्ट्रीय गहन प्रौद्योगिकी स्टार्टअप प्लेटफॉर्म ‘डिजिटल इंडिया जेनेसिस’ यानी नए स्टार्टअप्स के लिए अगली पीढी की सहायता का भी शुभारंभ किया। इन योजनाओं के लिए कुल 750 करोड़ रुपये के बजट की परिकल्पना की गई है। प्रधानमंत्री ने ‘माईस्कीम’ भी समर्पित किया है, जो एक ही स्थान पर सरकारी योजनाएं प्रदान करेगा।

डिजिटल इंडिया वीक 2022 कार्यक्रम नागरिकों के जीवन को सुगम बनाने वाले आधार, यूपीआई, कोविन और डिजिलॉकर जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म को प्रदर्शित करेगा। इस कार्यक्रम में स्टार्टअप, सरकारी प्रतिनिधि और उद्योग और शिक्षा जगत के विशेषज्ञ भाग लेंगे। भारतीय यूनिकॉर्न और स्टार्टअप ने महात्मा मंदिर में 200 से अधिक स्टाल की एक प्रदर्शनी लगाई है। प्रधानमंत्री मोदी ने इस प्रदर्शनी का दौरा किया और स्टार्टअप्स और यूनिकॉर्न से जुड़े लोगों से बातचीत की।

डिजिटल इंडिया वीक 2022 में 7 जुलाई से तीन दिवसीय अनुकूलन कार्यक्रम ‘इंडिया स्टैक नॉलेज एक्सचेंज- भारत स्टैक और भारत के डिजिटल उत्पादों और सेवाओं का प्रदर्शन का आयोजन भी होगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि भारत चौथी औद्योगिक क्रांति में विश्‍व का मार्गदर्शन कर रहा है। उन्‍होंने कहा कि जो देश समय के साथ आधुनिक प्रौद्योगिकी नहीं अपनाते वो पीछे छूट जाते हैं। श्री मोदी ने कहा कि तीसरी औद्योगिक क्रांति के दौरान भारत भी इसका शिकार हुआ है, लेकिन आज भारत गर्व से कह सकता है कि वह चौथी औद्योगिक क्रांति में दुनिया का मार्गदर्शन कर रहा है।

प्रधानमंत्री आज गुजरात में गांधी नगर के महात्‍मा मंदिर में डिजिटल इंडिया वीक 2022 का उद्घाटन करने के बाद कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्‍होंने कहा कि भारत ने डिजिटल इंडिया अभियान के जरिए साबित किया है कि मानवता के लिए प्रौद्योगिकी का इस्‍तेमाल कितना क्रांतिकारी है। प्रधानमंत्री ने इस बात पर खुशी व्‍यक्‍त की कि आठ वर्ष पहले शुरू किया यह अभियान बदलते समय के साथ व्‍यापक हो रहा है।

श्री मोदी ने कहा कि दस साल पहले लोगों को जन्‍म प्रमाणपत्र लेने, बिलों का भुगतान करने, राशन लेने और प्रवेश के लिए कतार में खडा होना पडता था। लेकिन अब यह सब काम ऑनलाइन हो गए हैं। उन्‍होंने बताया कि पिछले आठ वर्ष में लाभार्थियों के खाते मे 23 लाख करोड रुपये से अधिक राशि अंतरित की गई है। इस प्रौद्योगिकी के कारण देश के दो लाख 23 हजार करोड रुपये गलत हाथों में पडने से बचे हैं। श्री मोदी ने कहा कि सरकार ने हजारों करोड रुपये महिलाओं, किसानों और श्रमिकों के खाते में अंतरित किए हैं। उन्‍होंने कहा कि एक देश एक राशन कार्ड की सहायता से 80 करोड से अधिक देशवासियों को निशुल्‍क राशन उपलब्‍ध कराया गया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि देश का सबसे बडा कोविड टीकाकरण और कोविड राहत कार्यक्रम डिजीटल प्‍लेटफार्म के जरिए संचालित किया गया है। श्री मोदी ने कहा कि डिजिटल भारत की ताकत से देश में सफलतापूर्वक कोरोना महामारी से निपटा गया।

श्री मोदी ने कहा कि भारत में फिनटेक का प्रयास लोगों द्वारा, लोगों का और लोगों के लिए वास्‍तविक समाधान है। उन्‍होंने कहा कि भारत कई क्षेत्रों में डिजिटल प्रौद्योगिकी का विस्‍तार कर रहा है। इन क्षेत्रों में अंतरिक्ष, मानचित्रण, ड्रोन, गेमिंग और ऐनिमेशन शामिल है। उन्‍होंने कहा कि इनस्‍पेस और नई ड्रोन नीति आने वाले वर्षों मे भारत को नई ऊर्जा प्रदान करेगी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत अगले तीन-चार वर्षों में इलेक्‍ट्रोनिक्‍स विनिर्माण को तीन सौ अरब डॉलर से अधिक करने के लिए काम कर रहा है। उन्‍होंने कहा कि भारत चिप टेकर से चिप मेकर बनना चाहता है। तेजी से बढ रहे निवेश से सेमीकंडक्‍टर का उत्‍पादन बढेगा।

इस अवसर पर गुजरात के मुख्‍यमंत्री भूपेंद्र पटेल, केंद्रीय संचार इलेक्‍ट्रोनिक्‍स तथा सूचना प्रौद्योगिकी और रेल मंत्री अश्विनी वैष्‍णव, कौशल विकास, उद्मशीलता तथा इलेक्‍ट्रोनिक्‍स और सूचना प्रौदयोगिकी राज्‍य मत्री राजीव चंद्रशेखर ने भी इस अवसर पर संबोधित किया।

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