1740 करोड़ रुपए का भुगतान करने के बाद राजस्थान के विद्युत संयंत्रो को मिला कोयला, 2170 MW क्षमता वाली 4 यूनिट्स से उत्पादन हो सका शुरू

राजस्थान सरकार के तीनों विद्युत संयंत्रों को कोयले की आपूर्ति फिर शुरू कर दी गई है। भुगतान नहीं मिलने के कारण आपूर्ति रोक दी गई थी। कोयला मिलते ही तीनों संयंत्रों की चार इकाइयों से उत्पादन शुरू हो गया है।

राजस्थान सरकार के तीनों विद्युत संयंत्रों को कोयले की आपूर्ति फिर शुरू कर दी गई है। भुगतान नहीं मिलने के कारण आपूर्ति रोक दी गई थी। कोयला मिलते ही तीनों संयंत्रों की चार इकाइयों से उत्पादन शुरू हो गया है। इससे राज्य के ग्रामीण इलाकों में बिजली कटौती की समस्या से राहत मिलेगी।

यहां बताना होगा कि राजस्थान सरकार के अधीन आने वाले 1200 मेगावाट क्षमता वाले कालिसिंध थर्मल पॉवर प्लांट और 1500 मेगावाट क्षमता वाले सूरतगढ़ थर्मल पॉवर स्टेशन को ईंधन की आपूर्ति रोक दी गई थी। कोयला नहीं मिलने के कारण कालिसिंध थर्मल पॉवर प्लांट की 600 मेगावाट क्षमता वाली एक नंबर यूनिट तथा सूरतगढ़ थर्मल पॉवर स्टेशन की 660-660 मेगावाट क्षमता वाली दो इकाई उत्पादन से बाहर हो गई थी। इसी तरह छबड़ा की 250 मेगावाट क्षमता वाली की एक यूनिट से उत्पादन बंद हो गया था।

इससे राज्य में बिजली संकट की स्थिति निर्मित हो गई थी। इस कारण ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली कटौती की जा रही थी। इधर, राज्य सरकार ने 1740 करोड़ रुपए का कोयले का भुगतान किया। इसके बाद कोयले की आपूर्ति प्रारंभ की गई और संयंत्रों की इकाइयां उत्पादन में आ गई।

बताया गया है कि अभी राज्य सरकार को 1060 करोड़ रुपए का भुगतान कोल कंपनियों को और करना है।

सोशल मीडिया पर अपडेट्स के लिए Facebook (https://www.facebook.com/industrialpunch) एवं Twitter (https://twitter.com/IndustrialPunchपर Follow करें …

  • Website Designing