वित्तीय वर्ष 2022- 23 के लिए एसईसीएल को मिला 182 MT का टारगेट, तीन नई खदानें भी होंगी शुरू

सीएमडी डॉ. प्रेम सागर मिश्रा के नेतृत्व में टीम एसईसीएल ने नए वित्तीय वर्ष 2022-23 में 182 मिलियन टन कोयला उत्पादन का महात्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित करते हुए सरगर्मी तेज कर दी है।

बिलासपुर, 01 अप्रेल। सीएमडी डॉ. प्रेम सागर मिश्रा के नेतृत्व में टीम एसईसीएल ने नए वित्तीय वर्ष 2022-23 में 182 मिलियन टन कोयला उत्पादन का महात्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित करते हुए सरगर्मी तेज कर दी है।

आज वित्तीय आरंभ के साथ ही उन्होंने मुख्यालय में कम्पनी स्तरीय श्रमिक संगठन प्रतिनिधित्व संचालन समिति के साथ भी बैठक की। कम्पनी के इस महत्वपूर्ण लक्ष्य में गेवरा, दीपका तथा कुसमुण्डा मेगा प्रोजेक्ट की महत्वपूर्ण भूमिका होगी तथा सकल रूप से ये तीनों परियोजनाएँ एसईसीएल के कुल उत्पादन का लगभग दो तिहाई हिस्सा जुटायेंगी।

गेवरा को 52 मिलियन टन, दीपका को 38 मिलियन टन, कुसमुण्डा 45 मिलियन टन तथा भूगर्भीय भण्डार से भरे मांड-रायगढ़ कोलफील्ड्स की रायगढ़ एरिया को 15.5 मिलियन टन का उत्पादन लक्ष्य दिया गया है। सकल रूप से कम्पनी के लगभग 21 खुली खदानों से 169 मिलियन टन तथा लगभग 46 भूमिगत खदानों से 13 मिलियन टन वार्षिक उत्पादन की योजना बनाई गयी है।

कम्पनी ने वित्तीय वर्ष के दौरान 3 नयी परियोजनाओं के विकास के प्रति भी आशान्वित है जिनमें रामपुर बटुरा ओपनकास्ट, अम्बिका ओपनकास्ट तथा केतकी भूमिगत खदान शामिल है। केतकी भूमिगत खदान कोलइण्डिया के एमडीओ मोड पर अनुमोदित पहली भूमिगत खदान परियोजना है।

वित्तीय वर्ष में इन्फ्रास्ट्रक्चर सहित विभिन्न क्षेत्रों में पूंजीगत निवेश के लिए 5200 करोड़ का केपिटल बजट अनुमोदित किया गया है। इसमें रेल कॉरीडोर परियोजनाओं के विकास के लिए 1800 करोड़ का पूंजीगत व्यय शामिल है। कम्पनी अपने मेगा प्रोजेक्ट सहित संचालन क्षेत्रों में फर्स्ट माइल कनेक्टिविटी (एफएमसी) परियोजनाएं विकसित कर रही हैं जिसके जरिए खदान से ही इको-फ्रेंडली तरीके एवं त्वरित रूप से उत्पादित कोयले को उपभोक्ताओं तक भेजा जा सकेगा। इसके लिए रैपिड लोडिंग सिस्टम तथा साइलों की व्यवस्था अपनाई जा रही है।

31 मार्च, 2022 को समाप्त हुए वित्तीय वर्ष में कम्पनी ने कोरोना काल के चुनौतियों के बीच 155.71 मिलियन टन कोयला उपभोक्ताओं को प्रेषित किया जो कि कम्पनी के स्थापना काल से दूसरा सबसे बड़ा डिस्पैच का आंकड़ा है।

कम्पनी का यह डिस्पैच पिछले वित्तीय वर्ष से लगभग 17 मिलियन टन (लगभग 12 प्रतिशत वृद्धि) अधिक है। इस वर्ष कम्पनी द्वारा पावर सेक्टर 129.29 मिलियन टन कोयला उपलब्ध कराया गया जो कि ऐतिहासिक है।

गत वित्तीय वर्ष अप्रत्याशित मानसून तथा कोरोना की दूसरी लहर की चुनौतियों के बीच भी कम्पनी 142.51 मिलियन टन उत्पादन दर्ज करने में सफल रही। एक महत्वपूर्ण उपलब्धि में कम्पनी ने पिछले वर्ष से सकारात्मक वृद्धि दर्ज करते हुए 196.88 मिलियन क्यूबिक मीटर ओव्हरबर्डन रिमूव्हल (अधिभार निष्कासन) किया है जिसका पूर्ण लाभ इस वर्ष कोयला उत्पादन में भी मिलेगा। गत 28 फरवरी को लगभग 8 लाख क्यूबिक मीटर अधिभार निष्कासित कर एसईसीएल ने एक दिन में अब तक के सर्वाधिक ओबी रिमूव्हल का कीर्तिमान भी बनाया। कुसमुण्डा जैसे मेगा परियोजनाओं में इसका प्रत्यक्ष लाभ देखने को मिला है।

मेगा परियोजनाओं में गेवरा एरिया ने गत वर्ष से 18.72 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करते हुए 44.98 मिलियन टन तथा दीपका परियोजना ने 24.33 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करते हुए 36.90 मिलियन टन का अपना एक वर्ष में सर्वाधिक कोयला डिस्पैच का रिकार्ड दर्ज किया।

कम्पनी के भटगांव एवं जोहिला एरिया ने कोल उत्पादन तथा आफटेक के अपने लक्ष्यों को पूरा किया वहीं कोरबा एरिया ने वर्ष 2021-22 के ओबीआर लक्ष्य को सफलतापूर्वक प्राप्त किया। कोरबा एरिया की ही सरायपाली माईन ने अपने पहले उत्पादन वर्ष में ही उत्कृष्ट परिणाम देते हुए अपने पर्यावरणीय स्वीकृति की सीमा 14 लाख टन तक कोयला उत्पादन करने में सफलता पाई।

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