एसईसीएल सीएमडी डॉ प्रेम सागर मिश्रा के मार्गदर्शन में चलाई जा रही मेंटर-मेंटी पहल के तहत निदेशक तकनीकी (योजना/परियोजना) एन फ्रैंकलिन जयकुमार द्वारा युवा अधिकारियों से संवाद किया गया। श्री जयकुमार का युवा अधिकारियों के साथ यह पहला सत्र था जिसमें उन्होने सभी अधिकारियों के कार्यानुभव को जाना एवं कार्यस्थल से जुड़ी चुनौतियों के बारे में जानकारी ली जिसे अधिकारियों ने पूरी बेबाकी के साथ सर के साथ साझा किया।

अधिकारियों को संबोधित करते हुए उन्होने अपने कार्यानुभव को एनरिच करने की बात कही। उन्होने इंक्लूसिव ग्रोथ (Inclusive Growth) पर ज़ोर देते हुए कहा की हमें अपने कार्यस्थल पर स्वयं तो प्रगति करनी ही है साथ ही साथ कंपनी की प्रगति को अपनी प्रगति के साथ जोड़ कर चलना है और दोनों में सामंजस्य बैठाकर अपना कार्यनिष्पादन करना है।

“Leaders don’t do different things, they do things differently.” का ज़िक्र करते हुए उन्होने कहा कि हमें कार्यस्थल पर निरंतर कुछ नया इनोवेशन करते रहने का प्रयास करना होगा और तभी हम अपने दैनिक कार्यों में भी रोचकता ला सकेंगे और इससे हमारा आत्मविश्वास भी बढ़ेगा।

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