CMD N.Sridhar
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नई दिल्ली, 07 मई। सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी लिमिटेड (Singareni Collieries Company Limited) 240 मेगावाट (MW) क्षमता वाले 13 सौर संयंत्र स्थापित करेगी। खनन क्षेत्रों के नौ स्थानों पर इन सौर संयंत्रों के निर्माण के लिए एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) तैयार की गई है।

सिंगरेनी के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक एन श्रीधर ने अधिकारियों को एक सप्ताह के भीतर कंपनी द्वारा नियोजित किए जा रहे 13 सौर ऊर्जा संयंत्रों पर एक व्यापक रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश दिया है।

साथुपल्ली में 35 मेगावाट का सौर संयंत्र, चेन्नूर में 27.5 मेगावाट का संयंत्र और 65 मेगावाट की क्षमता वाले 5 संयंत्रों को विभिन्न खानों और कॉलोनियों में उपलब्ध खाली जगहों पर मंडमरी क्षेत्र में प्रस्तावित किया गया है। इसके अलावा, रामागुंडम-3 क्षेत्र में सिंगरेनी थर्मल पावर स्टेशन में उपलब्ध स्थान में 37.5 मेगावाट सौर संयंत्र की भी योजना बनाई जा रही है।

दो स्थानों पर 41 मेगावाट क्षमता के संयंत्र, भूपालपल्ली में 12 मेगावाट का संयंत्र, रामागुंडम -1 क्षेत्र में पुराने बिजली घर के स्थान पर 5 मेगावाट का संयंत्र और बगल में एक खाली जगह पर 15 मेगावाट का संयंत्र बनाने के प्रस्ताव प्रस्तुत किए गए हैं।

अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक एन श्रीधर ने बताया कि पहले चरण में स्थापित सौर संयंत्र 450 मिलियन यूनिट का उत्पादन कर रहे हैं और यदि प्रस्तावित 240 मेगावाट के सौर संयंत्र भी पूरे हो जाते हैं, तो अन्य 360 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन होगा। कुल मिलाकर 810 मिलियन यूनिट बिजली उत्पादित होगी। सिंगरेनी को अपनी जरूरतों के लिए सालाना 750 मिलियन यूनिट की आवश्यकता होती है।

उन्होंने कहा, अगले दो वर्षों में, सिंगरेनी को पावर एक्सचेंज को छोड़कर तेलंगाना ट्रांसको से बिजली खरीदने की आवश्यकता नहीं होगी और यह ’नेट जीरो एनर्जी’ कंपनी बनने वाली देश की पहली कोयला कंपनी होगी।

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