नागपुर, 02 जून। 9 जुलाई को प्रस्तावित देशव्यापी आम हड़ताल (Strike) को वेस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (WCL) में सफल बनाने को लेकर श्रमिक संगठनों के संयुक्त संघर्ष समिति द्वारा सभा का आयोजन किया गया।
यहां बताना होगा कि 10 केन्द्रीय श्रमिक संगठनों द्वारा केंद्र सरकार की मज़दूर विरोधी नीतियों और चार लेबर कोड निरस्त करने सहित 17 सूत्रीय मांगों को लेकर 9 जुलाई को आम हड़ताल की जा रही है। पहले यह देशव्यापी आम हड़ताल 20 मई को होनी थी।
नागपुर में एचएमएस, इंटक, सीटू एवं एटक की संयुक्त संघर्ष समिति द्वारा आम सभा की गई। एचएमएस के शिवकुमार यादव, एटक के एनटी मस्के, इंटक के एसक्यू ज़मा एवं सीटू के एसएच बेग द्वारा सभा को संबोधित किया गया।
चारों शीर्ष श्रमिक नेताओं ने केंद्र सरकार द्वारा जबरन मज़दूरों पर थोपे जा रहे चार लेबर कोड के संबंध में जानकारी दी। नेताओं ने बताया कि उक्त लेबर कोड किसी भी दृष्टिकोण से न तो मज़दूरों के हित में है और न ही औद्योगिक हित में है। ये सिर्फ़ और सिर्फ़ अफ़सरशाही को बढ़ावा देने वाला क़ानून है, जिसमें मज़दूरों के मौलिक अधिकारों को ख़त्म करके वर्तमान केंद्र सरकार सारे अधिकार कंपनियों के मालिकों को देना चाहती है।
शिवकुमार यादव ने अपने अध्यक्षीय भाषण के दौरान उक्त क़ानून को काला क़ानून बताते हुए जानकारी दी कि केंद्र सरकार इस लेबर कोड क़ानून के माध्यम से मज़दूर/कर्मचारी की परिभाषा बदलकर मज़दूरों के काम के घंटे, उनकी सामाजिक सुरक्षा व्यवस्था, बोनस सुविधा आदि मूलभूत सुविधाओं में बदलाव कर मज़दूरों का हक़ मारना चाहती है।