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नई दिल्ली, 01 अगस्त। कोयला खान पेंशन स्कीम (Coal mine pension scheme) से जुड़े एक सवाल के जवाब में कोयला मंत्री (Coal Minister) ने बताया है कि पेंशन कार्पस 47,961 करोड़ रुपए की निवल देनदारी दर्शा रहा है। मंत्री ने यह भी कहा कि पेंशन स्कीम में सुधार फिलहाल संभव नहीं है।

कोयला मंत्री प्रल्हाद जोशी द्वारा 31 जुलाई को राज्य सभा में दिया गया जवाब:

कोयला खान पेंशन स्कीम, 1998 (सीएमपीएस, 1998) की मुख्य विशेषताएं इस स्कीम में निर्धारित प्रावधानों के अनुसार पेंशन का भुगतान और पेंशन निधि का प्रबंधन है। आयुक्त, कोयला खान भविष्य निधि संगठन (CMPFO) इस संगठन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी होने के नाते कर्मचारी और नियोक्ता दोनों के मासिक अंशदान द्वारा स्थापित पेंशन कॉर्पस से पिछले दस महीनों की औसत परिलब्धियों की 25 प्रतिशत की दर पर पेंशन के भुगतान के लिए इस स्कीम को कार्यान्वित कर रहे हैं।

अंशदान के अंतर्वाह और पेंशन के संवितरण में कमी आई है। अंतर्वाह और बहिर्वाह के बीच के अंतर को पाटने के लिए पेंशन अंशदान की दर पूर्व के लगभग 4.91 प्रतिशत के अंशदान की तुलना में 01.10.2017 से 7% + 7% (कर्मचारी और नियोक्ता) तक बढ़ा दी गई है।

स्कीम के प्रावधान के अनुसार, आयुक्त, सीएमपीएफओ बीमाकिक फर्म के माध्यम से पेंशन निधि का समय-समय पर मूल्यांकन कर रहे हैं। हाल के बीमांकिक मूल्यांकन के अनुसार 31.03 2022 की स्थिति के अनुसार पेंशन कार्पस 47,961 करोड़ रुपये की निवल देनदारी दर्शा रहा है।

निधि में अंशदान और पेंशन संवितरण के बीच बढ़ते अंतर के कारण पेंशन में और अधिक वृद्धि के लिए पेंशन स्कीम में सुधार फिलहाल संभव नहीं है।

पेंशन के लंबित दावे

2019 से पेंशन के लंबित दावों की भी जानकारी दी गई: (31 मार्च, 2023 की स्थिति में)

  • 2019- 2020: 937
  • 2020- 2021: 1132
  • 2021- 2022: 2143
  • 2022- 2023: 935
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