रिपब्लिक टीवी (Republic TV) सहित दो मराठी चैनलों पर फर्जी TRP (Television Rating Point) बनाने की खबर के बीच ऑटो सेक्टर की दिग्गज कंपनी बजाज ऑटो (Bajaj Auto) ने तीन न्यूज चैनलों को विज्ञापन के लिए  ब्लैकलिस्ट कर दिया है। प्रसिद्ध उद्योगपति और बजाज ऑटो के MD राजीव बजाज (Rajiv Bajaj) ने कहा कि उनकी कंपनी बजाज ऑटो ने विज्ञापनों के लिए तीन चैनलों को ब्लैकलिस्ट कर दिया है। बजाज के इस फैसले से आने वाले समय में इन तीनों चैनलों के रेवेन्यू पर बुरा असर पड़ सकता है।

CNBC-TV 18 के साथ बातचीत में बजाज ने कहा कि उनकी कंपनी का ब्रांड कभी भी ऐसी किसी चीज से नहीं जुड़ा है जो उन्हें लगता है कि समाज के लिए विषाक्त (hate mongering) था। उन्होंने कहा कि एक मजबूत ब्रांड एक नींव है, जिस पर आप एक मजबूत व्यवसाय बनाते हैं। बजाज ने बिजनेस चैनल को बताया कि हम इस बात को लेकर स्पष्ट हैं कि हमारा ब्रांड कभी भी उन ब्रांड या किसी संस्थान के साथ एसोसिएट नहीं हो सकता है, जिनके बारे में कोई संदेह है। हालांकि, उन्होंने तीनों चैनलों का नाम नहीं लिया।

राजीव बजाज ने ब्लैकलिस्ट चैनलों को समाज के लिए हानिकारक बताते हुए कहा कि हम बहुत स्पष्ट हैं कि हमारा ब्रांड कभी भी किसी भी ऐसी चीज से जुड़ा नहीं होगा, जो हमारे समाज में जहर फैलाने का काम करते हैं। बता दें कि मुंबई पुलिस ने फर्जी TRI के मामले में अर्नब गोस्वामी (Arnab Goswami) के चैनल Republic TV के साथ फक्त मराठी (Fakt Marathi) और बाक्स सिनेमा (Box Cinema) के खिलाफ FIR दर्ज की है। इस मामले में कई लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इसी के बाद बजाज ऑटो ने यह फैसला लिया है।

मुंबई पुलिस (Mumbai Police) ने फ्रॉड TRP के रैकेट का भंडाफोड़ करने का दावा किया है। मुंबई के पुलिस कमिश्‍नर परमवीर सिंह (Paramvir Singh) ने सनसनीखेज दावा करते हुए था उन्होंने फर्जी TRP रैकेट का भंडाफोड़ किया है। उन्होंने कहा कि फॉल्स TRP रैकेट चल रहा था। मुंबई पुलिस ने कहा है कि TRP की हेरफेर (TRP Manipulation) को लेकर Republic TV समेत तीनों चैनलों की जांच की जा रही है। TRP के इस जोड़तोड़ में 2 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

माना जा रहा है कि आनेवाले समय में कुछ और बड़ी कंपनियां इन चैनलों के विज्ञापन से अपने हाथ खींच सकती हैं। हालांकि अभी इस पर कई कंपनियां काम कर रही हैं। मुंबई पुलिस के मुताबिक, TRP का यह गोरखधंधा 30 से 40 हजार करोड़ रुपए का है। अगर मुंबई पुलिस की यह कार्रवाई सही होती है तो आनेवाले समय में इन कंपनियों को अपने विज्ञापन के एक बड़े रेवेन्यू के हिस्से से हाथ धोना पड़ सकता है।

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