मुंबई, 22 जून। महाराष्ट्र के सियासी संकट के बीच मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने फेसबुक लाइव के जरिए अपनी बात रखी। सीएम उद्धव ने कहा कि मेरे पास उस वक्त अनुभव था नहीं जिस वक्त राज्य में कोविड का संकट आया था। कोविड से कैसे लड़ना है ये उस वक्त किसी को भी जानकारी नहीं थी। हमने कोरोना संकट का डटकर सामना किया। उस वक्त जो भी सर्वे किए जा रहे थे उसमें देश के टॉप 5 मुख्यमंत्री में मिझे सम्मान मिला था। उद्धव ने कहा कि आज की बात कोविड के बारे में नहीं है। मैं एक अलग मुद्दा लेकर सामने आया हूं। पिछले कुछ दिनों से मीडिया के माध्यम से कुछ चीजें सामने आ रही है कि ये शिवसेना बाला साहब की शिवसेना है कि नहीं। शिवसेना ने हिंदुत्व छोड़ दिया है। मेरे मुख्यमंत्री बनते ही इस तरह की बात सामने आ रही है।

उद्धव ठाकरे ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में मैं मिल नहीं रहा था ये सच है। लेकि बीते दिनों मेरा एक बड़ा ऑपरेशन हुआ था। उस ऑपरेशन के बाद के 2-3 महीने मेरे लिए काफी मुश्किल भरे थे। उस वक्त मैं लोगोम से मिल नहीं पा रहा था। ये सच है। लेकिन उसके बाद मैंने लोगों से मिलना शुरू किया। महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा कि 2019 में जब तीनों दल एक साथ आए तो शरद पवार ने मुझसे कहा कि मुझे सीएम पद की जिम्मेदारी लेनी है। मुझे पहले का अनुभव भी नहीं था। लेकिन मैंने जिम्मेदारी ली। शरद पवार और सोनिया गांधी ने मेरी बहुत मदद की, उन्होंने मुझ पर अपना विश्वास बनाए रखा।

उद्धव ठाकरे ने कहा कि अगर कोई विधायक चाहता है कि मैं सीएम नहीं रहूं, तो मैं अपना सारा सामान वर्षा बंगले (सीएम का आधिकारिक आवास) से मातोश्री ले जाने के लिए तैयार हूं। लेकिन जब मेरे अपने लोग (विधायक) मुझे नहीं चाहते तो मैं क्या कह सकता हूं। अगर उन्हें मेरे खिलाफ कुछ होता, तो सूरत में यह सब कहने की क्या जरूरत थी, वे यहां आकर मेरे सामने यह कह सकते थे।

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साभार : प्रभा साक्षी

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